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Brijesh Mishra

Businessman | पोस्ट किया |


क्यों वर्तमान समय में लोग सरकारी बैंक की जगह प्राइवेट बैंक पर भरोसा करने लगे हैं ?


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Content Writer | पोस्ट किया


आज कल के समय में लोगों के जीवन की व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि क्या सही है और क्या ग़लत ये जानने तक का समय नहीं है | वर्तमान समय में लोग सरकारी बैंक के स्थान पर प्राइवेट बैंक पर भरोस करने लगे हैं | इसके कुछ कारण हैं | पहले समय में लोग केवल सरकारी बैंकों पर भरोसा करते थे | सरकारी नाम ऐसा होता था, जहाँ पर लोग आँख बंद कर के भरोसा कर लेते थे |


परन्तु वर्तमान समय में ऐसा क्या हो गया, जो लोग सरकारी बैंकों की जगह अब प्राइवेट बैंकों में अपना खाता खोलने लगे और उन पर भरोसा करने लगे हैं ?

प्राइवेट बैंकों में भरोसा करने के कुछ कारण :-

समय की बचत :-

आज के समय में लोगों के पास समय की सबसे बड़ी कमी है | लोग अपना समय बचाने के लिए हमेशा आसान रास्ते की तलाश करते रहते हैं | उस पर सरकारी बैंक ऐसे बैंक हैं, जहाँ पर छोटे से छोटा काम करने के लिए भी बैंक को अधिक समय लगता है | वहीं प्राइवेट बैंकों में कोई भी काम हो वो समय पर हो जाता है | अधिक समय नहीं लगता, और आपका समय बचता है |

सही जानकारी :-

अगर आप सरकारी बैंक की बात करें, तो आपको कभी कोई भी जानकारी सही नहीं मिल सकती | आप जब भी किसी से कुछ पूछने जाते हैं, तो आपको कहा जाता हैं, दूसरे काउंटर पर जायें, आपको यहाँ कोई जानकारी नहीं मिल पाएगी, और ऐसा कई बार होता है | वही अगर आप प्राइवेट बैंक में जाते हैं, तो आपको किसी भी काउंटर पर आपके सवाल का सही जवाब और सही जानकारी मिल जाएगी या फिर आपको सही काउंटर नंबर बता कर वहां भेज दिया जाएगा |

कार्य क्षमता :-

स्कूल हो या ऑफिस जैसा कि कहा जाता है, "सरकारी काम सरकारी ही होता है " सरकारी बैंकों की कार्य क्षमता इतनी नहीं होती कि वो हर काम समय पर करें, क्योकि सरकारी कर्मचारियों को सरकार तनख्वा देती है, उन्हें किसी चीज़ से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी का काम होता है, या नहीं | वहीं प्राइवेट बैंकों की कार्य क्षमता सरकारी बैंक से 4 गुना अधिक होती है | वहाँ हर काम समय पर होता है, क्योकि प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों की तनख्वा उनके काम पर निर्भर करती है |
योजनाएं :-

सरकारी बैंकों में कोई भी योजना आये वो खाताधारी तक समय पर नहीं पहुँचती | सरकार कोई भी योजना निकाले वो सरकारी बैंको में तब-तक निर्धारित नहीं होती जब तक सरकारी बैंक कर्मचारी न चाहें | वहीं प्राइवेट बैंक में कोई भी योजना आए वो खाताधारक को फ़ोन या मैसेज देकर सूचित करते हैं | बैंक के नियम में किसी भी प्रकार के बदलाव होते हैं, तो सभी खाताधारक को तुरंत सुचना दी जाते है |

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