Lumpy Skin Virus कैसे फैलता है? इस वायरस के फैलने का क्या कारण है? इस वायरस से बचाव क्या है? पशुओं में इस वायरस का क्या प्रभाव है? ऐसे अनेक प्रश्न के जवाब जहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं। आप तो जानते कि वायरस इंसान के साथ ही साथ पशुओं के लिए भी बहुत ही हानिकारक होता है। कोरोनावायरस के कहर ने पूरी दुनिया को 2 साल तक लॉकडाउन में रख दिया था। वहीं मलेरिया के वायरस के बारे में आप जानते ही हैं, इसी तरह से डेंगू के वायरस और जुखाम का साधारण वायरस भी हमें परेशान करता है। वास्तव में हम वायरस की दुनिया में घिरे हुए हैं और इंसान इन वायरस की चपेट में खुद को बचाने के लिए तरह-तरह के मेडिकल उपाय करता है।
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इस समय भारत के कई राज्यों में पशुओं को नुकसान पहुंचाने वाला Lumpy Virus का प्रकोप फैला हुआ है। दोस्तों अफसोस की बात है इस वायरस के कारण अनेक पशु अपनी जान गवां रहे हैं।
Symptoms and Remedy in Hindi आपको बता दें कि लंबी वायरस का प्रभाव पशु के शरीर की चमड़ी पर पड़ता है। गाय और भैंस की चमड़ी पर बड़ी-बड़ी गाठें निकल जाती हैं, जिस कारण से दर्द से छटपटा के पशु की मौत हो जाती है।
Lumpy Virus Symptoms and Remedy: इस वायरस के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देता है लेकिन जब जानवरों के शरीर पर छोटे-छोटे गांठ निकलने लगते हैं तब पता चलता है कि पशु Lumpy Virus से ग्रसित है।
आपको जानकर यह खुशी होगी कि Lumpy Virus से निपटने के लिए पशु विभाग ने टीका बना लिया है। लंबी वायरस का एंटी डोज कारगर है और अब पशुओं पर इसकी दोष लगाई जा रही था कि Lumpy Virus से बचाव पशुओं का हो पाए।
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लंपी वायरस (What is lumpy virus)
लंपी साल 2019 में पहली बार भारत में दिखाई दिया। लंबी वायरस से त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाला वायरस है। यह रोग जानवरों में फैलता है और उनकी स्किन को गांठदार या ढेलेदार बना देता है। दोस्तों medical language मे इसको LSDV कहा जाता है। दोस्तों इस वायरस को कैप्रीपॉक्स भी कहा जाता है। यह मवेशियों पर प्रभाव डालता है। इस वायरस का वाहक यानी कैरियर मच्छर होता है। सरल शब्दों में कहें तो मच्छर के काटने से मवेशियों में यह वायरस पहुंच जाता है।
लक्षण (Lumpy Virus Symptoms)
लंबी वायरस के लक्षण निम्नलिखित है-
- पशु को बुखार आना।
- वजन में कमी।
- आंखों से पानी टपकना।
- लार बहना।
- शरीर पर दाने निकलना।
- दूध कम देना।
- भूख नहीं लगाना है।
- इसके साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कम होती चली जाती है।
बचाव (Home Remedy and Treatment)
दोस्तों लंपी वायरस से बचाव के तरीके भी हैं।
जो मवेशी लंपी वायरस के चपेट में हैं, उन्हें दूसरे मवेशियों से अलग रखना चाहिए।
जहां मवेशी है, उस जगह और आसपास की जगहों पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए ताकि मक्खी मच्छर यू आदि जो वायरस को फैलाने के लिए सहायक है वह मर जाएं।
लंपी वायरस के चपेट के कारण मरे हुए जानवरों के शव को खुला नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि उसे अंदर गड्ढे में दबा देना चाहिए।
लंबी वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार की और शेष का एंटीबायोटिक टीका भी बन गया है जिसे हर पशु को लगवाना चाहिए।
लंपी वायरस की दवा
Lumphi virus के प्रभाव का लक्षण जैसे ही पता चले वैसे ही तुरंत यह चिकित्सा अपनाना चाहिए। यहां पर कुछ दवाओं के बारे में बताया जा रहा है, पशु चिकित्सक की सलाह से इन दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
लंपी रोग के लिए इकलौता यह दवा है।
होमिओनेस्ट मैरीगोल्ड ऐल एस डी 25 किट (Homionest Marigold LSD 25 Kit) है। इस रोग में यह कारगर है।
इसके अलावा होम्योपैथिक दवा भी इस रोग में कारगर है। जिससे किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है और पशुओं इस रोग में रोकथाम लगाने के लिए कारगर है। इन दवाओं को खिलाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले ले।
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