क्रिकेट एक बहुत ही दिलचस्प खेल है। इस खेल में सबसे अहम भूमिका अंपायर निभाते है। उन्हें हर वक्त खेल के मैदान पर रहना पड़ता है। काफी सारे निर्णय सिर्फ अंपायर ही ले सकते है जैसे की बारिश में खेल चालु रख सकते है की नहीं, पूरा प्रकाश है की नहीं और खेल में खलल हो तो कितने ओवर का खेल हो सकता ही। मैच के दौरान अंपायर हाथ में एक शील्ड पहनते है जो की उनके बचाव के लिए दिया गया है।
सौजन्य: बीबीसी
कई बार बल्लेबाज के शॉट की वजह से अंपायर को भी चोट लग सकती है। वाइए उन्होंने कोई गार्ड नहीं पहना होता है और इसीलिए उनका ऐसे शॉट के सामने बचना मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही एक मैच में अंपायर को चोट लगने से मौत हो गई थी और उसके बाद ही यह शील्ड का चलन हुआ है। यह शील्ड मजबूत फाइबर की बनी होती है और शॉट के सामने अंपायर इस के चलते अपने आप को बचा सकते है। यह शील्ड उनको अपने बाएं हाथ में पहनाई जाती है ताकि वो आनेवाली बोल को शरीर पर लगने से रोक सके। वर्तमान समय में अंपायर को चोट से बचाने का इस से बहेतर और कोई माध्यम नहीं है और ICC ने भी इसे अम्पायरो को बचाने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी है।