हिन्दू धर्म में पूजा का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता हैं | पूजा का स्थान और रसोई घर ये दो जगह घर बनते समय ही अक्सर लोग निर्धारित कर लेते हैं | आपके सवाल के अनुसार आप पूजा घर में रखी हुए चीज़ो सा सही स्थान जानना चाहते हैं |
पूजा घर में आप जो भी सामान रखते हैं, उसका एक निश्चित स्थान होता हैं | जैसे -
- आरती की घंटी, धूप लगाने वाली धूपदानी और जल से भरा हुआ लोटा बायें और रखना चाहिए |
- अगर आप तेल का दीपका जलाते हैं तो उसको पूजा घर के दीपक बाईं ओर रखें और अगर आप घी का दीपक जलाते हैं, तो उसको आप दाईं ओर रखना चाहिए |
- जल से भरा हुआ शंख हमेशा दाईं ओर रखना चाहिए |
- केसर और कपूर के साथ जो आप चन्दन घिसते हैं, उसको पूजा घर के सामने रखना चाहिए और चन्दन को कभी भी ताम्बें के बर्तन में नहीं रखना चाहिए |
- जब भी भगवान को आप भोग लगते हैं, तो भगवान का भोग उनकी मूरत के सामने रखना चाहिए | (जिस तरह आप भजन करते समय अपने भोजन को सामने रखते हैं, उसी प्रकार भगवान के सामने भोजन को सामने रखना चाहिए )
- भोग रखते समय आप जल का पात्र जरूर रखें, और भोग के ऊपर हाथ में थोड़ा जल लेकर भगवान के भोग का जल से फेरा लगाए , इससे भगवान आपके भोग को स्वीकार करते हैं |
- अगर आप पूजा करते समय शंख का प्रयोग करते हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि आपको शंख न तो ज़मीन पर रखना हैं, और न ही पानी में डूबा कर रखना हैं | शंख को किसी पटले में रखना चाहिए |
- जल को बिना छाने जल के पात्र में नहीं रखना चाहिए |