क्यों स्कूल और कॉलेज में केवल इंग्लिश भाषा (English language) जरुरी हैं, क्या ये सही हैं ? - letsdiskuss
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Language


English


Rahul Mehra

System Analyst (Wipro) | पोस्ट किया | शिक्षा


क्यों स्कूल और कॉलेज में केवल इंग्लिश भाषा (English language) जरुरी हैं, क्या ये सही हैं ?


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Creative director | पोस्ट किया


यदि हम किसी भाषा की बात करें तो उसे सीखना या समझना जब जरूरी होता है जब हम उससे अपने बीच रहने वाले लोगो से वार्तालाप कर सकें और अपने व्यापार व वाणिज्य को आसान कर सकें | English के विषय में बात करें तो स्कूल और कॉलेज में यह कहकर इंग्लिश सिखाना प्रारम्भ हुआ था कि भारतीय लोग अंग्रेजो ( जो उस समय भारत पर राज़ कर रहे थे ) की भाषा समझ सके व उनके और भारतीयों के बीच व्यापार आदि के लिए दोनों की भाषाओ का अनुवाद कर उन्हें समझा सके | उस समय आवश्यकता के अनुसार यह महत्वपूर्ण था की हम अंग्रेजी सीखें और शायद स्वतंत्रता के बाद भी व्यापारिक दृष्टि से यह बहुत आवश्यक था कि हम भारत और अन्य देशो के बीच संबंध स्थापित कर सकें |

अब आते हैं इस प्रश्न पर कि क्या स्कूल और कॉलेज में केवल इंग्लिश सिखाना सही है या नहीं , तो उसके लिए तो हमे सर्वप्रथम यह समझना होगा कि आज के जीवन में अंग्रेजी कि आवश्यकता क्यों है और उसका इतना महत्व क्यों है कि हर तरफ इंग्लिश का बोलबाला है |
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भारत में आज इंग्लिश केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि "पढ़ा लिखा" कहलाने के लिए भी जरुरी है | आप स्कूल में 99 % अंको से पास हो जाइये और भारत के एक बड़े कॉलेज में जाइये और लोगो को यह बता दीजिये कि आपको इंग्लिश नहीं आती बस! वहीं से आपको "अनपढ़", "गवार" जैसे नाम मिलना शुरू हो जायँगे |एक गाँव का topper और दिल्ली का average student दोनों एक बराबर ही है , क्योंकि इंग्लिश में topper कि पकड़ ढीली है | फर्क समझ रहे है आप , “इंग्लिश कि प्रधानता” |
आज स्कूलों का प्रयास तो यह है कि बच्चे को हम भारत में अंग्रेज बना दे और उसके भीतर से हिंदी का “ह” भी निकाल दे | सरकारी स्कूल और निजी स्कूलों को अलग बनाने वाली सबसे बड़ी लकीर यह है कि निजी स्कूलों में बच्चो को अंग्रेज बनाने कि तैयारी उसके दाखिले से ही शुरू हो जाती है और सरकारी स्कूलों में हिंदी का महत्त्व सिखाया जाता है| जब बात मातृभाषा कि आती है तो देश कि आधी जनता के मुँह से यह निकलता है कि "Hindi ewww" (निजी अनुभव)|
मेरे विचार में किसी भाषा को सीखने में कोई बुराई नहीं है परन्तु केवल उसी भाषा को सीखने पर ज़ोर देना और अपनी मातृभाषा को भूल जाने में बहुत बुराई है | आप बच्चो को बचपन से ही यदि इंग्लिश सिखाये तो आपको उन्हें हिंदी के महत्त्व से अवगत कराना भी जरुरी है |किसी विदेशी वस्त्र को ओढ़ना गलत नहीं है परन्तु अपनी अंतरात्मा का क़त्ल करना गलत है |


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B.A. (Journalism & Mass Communication) | पोस्ट किया


बहुत अच्छा सवाल किया आपने | आज कल स्कूल और कॉलेज में केवल English को ही महत्व दिया जा रहा हैं | हिंदी का तो नाम कहीं नहीं हैं | सभी को लगता हैं, कि English language ही एक ऐसी Language हैं, जिसकी सहायता से बच्चो का भविष्य बन सकता हैं |


क्यों हैं इंग्लिश जरुरी :-


- इंग्लिश भाषा में आज के समय के हिसाब से करियर सही हैं | क्योकिं वर्तमान समय में पढ़ाई बहुत मुश्किल होती जा रही हैं, और इसको समझने के लिए बच्चो को इंग्लिश का ज्ञान होना बहुत जरुरी हैं |

- वर्तमान समय में जितनी भी प्रतियोगिता परीक्षा होती हैं, सब इंग्लिश में ही होती हैं, तो बच्चों को इंग्लिश पढ़ाना बहुत जरुरी हो गया हैं | इसके सिवा कोई और विकल्प नहीं हैं |

- इंग्लिश बोलना, इंग्लिश पढ़ना, इंग्लिश समझना आज के रोजगार के लिए बहुत ही महत्पूर्ण हैं | आज के समय में अगर आप इंग्लिश का प्रयोग नहीं करते तो आपको अपने लिए जॉब में कम विकल्प मिलते हैं |

कितना सही और कितना ग़लत :-

अगर आप करियर के मामलें में देखें तो ये सही हैं, कि बच्चों के भविष्य में सहायक होता हैं | परन्तु जहां ग़लत की बात आती हैं, तो मुझे ऐसा लगता हैं, वर्तमान समय में माता-पिता बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा अपने स्तर का ध्यान रखते हैं | माता-पिता को लगता हैं, कि बच्चो को अगर English Medium में नहीं पढ़ाया जाएगा तो उनका बच्चा स्तर कम हो सकता हैं | अगर ,माँ-पिता बच्चो के लेकर फिक्रमंद हैं, तो ये सही हैं, परन्तु आज के माता-पिता बच्चों के भविष्य से ज्यादा अपनी reputation का ख्याल रखते हैं |

हलाकि, सभी माँ पिता ऐसे नहीं होते | English language जरुरी हैं, पर इतनी भी नहीं, कि उसके सामने हिंदी छोटी लगने लगे | कोई कितना ही English Medium में पढ़ाई कर लें, पर वो घर में और अपनों के साथ हिंदी में ही बात करता हैं |

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| पोस्ट किया


एक समय था जब हमारे देश में संस्कृत भाषा और हिंदी भाषा को अधिक महत्व दिया जाता था लेकिन वर्तमान समय में देखने में आ रहा है कि हिंदी भाषा और संस्कृत भाषा की कोई कीमत ही नहीं है यदि कीमत है तो केवल अंग्रेजी भाषा की है आज के समय में आप देखेंगे कि हर स्कूलों और कॉलेज में यदि पढ़ाई की जाती है तो अंग्रेजी की पढ़ाई सबसे ज्यादा की जाती है क्योंकि आज के समय में यदि आप अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको अंग्रेजी भाषा आना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि अंग्रेजी भाषा को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है।Letsdiskuss


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Occupation | पोस्ट किया


आज के समय मे हर एक कॉलेजो, स्कूलों मे बच्चो क़ो इंग्लिश भाषा मे पढ़ाया जाता है,लेकिन ये जरूरी है कि बच्चे क़ो इंग्लिश भाषा आनी चाहिए क्योकि आज के युग मे हर जगह इंग्लिश भाषा अधिक बोली जाती है,आज कल नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते है तों इंटरव्यू मे भी इंग्लिश से लिया जाता है। लेकिन इंग्लिश भाषा के साथ हिंदी भाषा भी आनी चाहिए।Letsdiskuss


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| पोस्ट किया


स्कूल और कॉलेज क़े अलावा भी अन्य जगहों पर इंग्लिश भाषा की जरुरी होती है जैसे किसी कंपनी मे जॉब क़े लिए जाते है तो वहां क़े बॉस कई बार इंग्लिश मे इंटरव्यू लेता है क्योंकि कुछ ऐसी कंपनी भी है, जहाँ पर कम्पनी वालो को इंग्लिश बोलने वाले व्यक्ति की जरूरत पड़ती है। इसलिए हर व्यक्ति से इंग्लिश लिखते और इंग्लिश बोलते आना चाहिए।

इसके अलावा यदि अपने ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर लिए है तो ऐसे मे आप किसी स्कूल या कॉलेज मे टीचिंग की जॉब करना चाहते है तो स्कूलो और कॉलेजो मे भी इंग्लिश बोलने वाले टीचरों की जरूरत पड़ती है क्योंकि ज़ब टीचरों से इंग्लिश बोलनी आती होंगी तभी वह बच्चो को इंग्लिश मे पढ़ायेगे और बच्चों से भी इंग्लिश आएगी क्योंकि आज क़े समय मे हर एक जगह इंग्लिश की बहुत ही ज्यादा डिमांड है, आज कल प्रतियोगिता परीक्षाए होती है उसमे भी प्रश्न इंग्लिश पूछे जाते है।Letsdiskuss


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