prity singh | पोस्ट किया
गणेश उत्सव भारत के सभी प्रांतों में मनाया जाता है लेकिन यह भारत के महाराष्ट्र में अत्यधिक हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है गणेश उत्सव शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है हिंदू मान्यताओं के अनुसार भादो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था इसीलिए 10 दिनों तक भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना की जाती है बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाते हैं और बड़ी ही श्रद्धा से जी गणेश जी की पूजा करते हैं शिव पुराण के अनुसार माता पार्वती ने स्नान करने से पहले अपने मैंल से एक बालक की मूर्ति बनाएं और उसमें प्राण डाल दिया और उस बालक को अपना द्वार पालक बनाकर बोला हे गणेश जब तक मैं स्नान करती हूं तब तक तुम किसी भी पुरुष को अंदर मत आने देना और वह स्नान करने चली गई थोड़ी देर बाद भगवान भोलेनाथ अंदर जाने लगे तो श्री गणेश ने उन्हें रोका और माता पार्वती का आदेश सुनाया लेकिन भगवान भोलेनाथ ने उस अनजान बालक की नहीं मानी और अंदर जाने लगे लेकिन श्री गणेश ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया इस पर भगवान भोलेनाथ क्रुद्ध हो गए उनके गणों ने श्री गणेश के साथ युद्ध भी किया लेकिन वह पराजित हुए तब भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल चला दिया और गणेश जी का सर धड़ से अलग हो गया तभी माता पार्वती वहां आ गई और बालक गणेश की हालत देखकर विलाप करने लगी माता पार्वती ने क्रोधित होकर दुनिया का विनाश करना चाहा तो सारे देवता गन भयभीत हो गए लेकिन देव ऋषि नारद जी की बात से आदिशक्ति की स्तुति कर उन्हें शांत कर दिया गया भगवान शिव की आज्ञा के अनुसार भगवान विष्णु ने उत्तर दिशा में मिलने वाले सबसे पहले जीव हाथी के बच्चे का सिर काटकर लाया महामृत्युंजय जाप से श्री गणेश जी को हाथी का सिर लगाया गया और सभी देवताओं ने श्री गणेश जी को सबसे पहले पूजे जाने का आशीर्वाद दिया और गणेश जी को विघ्नहर्ता का आशीर्वाद दिया इसीलिए श्री गणेश सभी देवी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते हैं उन्हें विघ्नहर्ता श्री गणेश भी कहा जाता है
0 टिप्पणी