हिन्दू तिथि के आधार पर अमावस्या अंतिम तिथि होती हैं | जैसा कि पहले बताया गया हैं, कि एक महीने में 30 दिन होते हैं, और 30 दिनों में 15-15 दिनों में तिथि बँटी हुई हैं | अमावस्या तिथि बहुत अधिक महत्व रखती हैं, क्योकि यह कृष्णा पक्ष का आखरी दिन होता हैं | अमावस्या के दिन चन्द्रमा पूर्णतः दिखना बंद हो जाता हैं | ज्योतिष के अनुसार अमावस्या के दिन दान देने से मनुष्य को भरपूर लाभ मिलता हैं |
शनि अमावस्या इसिलए भी महत्वपूर्ण होती हैं, क्योकिं इस अमावस्या के बाद पेड़-पौधों को जीवन दान मिल जाता हैं | गर्मी कम हो जाती हैं, और मानव जीवन पहले से सुरक्षित हो जाता हैं | इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जा सकता हैं, क्योकि इस इस हरियाली की पूजा की जाती हैं |
शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है, आटे के मालपुऐ का भोग लगाया जाता हैं, पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा की जाती हैं, साथ फेरे धागे के पीपल के पेड़ के लगाए जाते हैं | यह व्रत साल में एक बार आता हैं, और इस व्रत के आगमन से अब बाकी आने वाले त्योहारों का पता चलता हैं, अर्थात ये पता चलता हैं, कि त्यौहार शुरू हो गए हैं |
सावन अमावस्या पर लग रहा है सूर्य ग्रहण :-
इस वर्ष का आखिरी
सूर्य ग्रहण आज अर्थात
सावन अमावस्या को पड़ा हैं | आज का
सूर्य ग्रहण भारत के समयानुसार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 30 मिनिट तक रहेगा | यह इस वर्ष का आखिरी
सूर्य ग्रहण हैं, जिसका असर भारत में बिलकुल नहीं हैं |
(Courtesy : patrika )