sinus एक gland (ग्रंथि) हैं, जो पुरे ENT को अर्थात Eyes , Nose और Throat को control करता हैं | Sinus मनुष्य के नाक से संबधित बीमारी होती ही, जिसमें मनुष्य के नाक की हड्डी बढ़ जाती हैं | जिसकी वजह से इस बीमारी से पीड़ित मनुष्य को साँस लेने में बहुत तकलीफ महसूस होती हैं |
वर्तमान समय में, लोगो की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई हैं, कि लोगों के सामने ऐसी परेशानियां आती भी हैं, तो वो उस पर ध्यान नहीं देते | नतीजा ये होता हैं, कि उन्हें सांस लेने में problem होने लगती हैं, dust से allergy हो जाती हैं, बारिश में भीगने से सर्दी जल्दी लग जाती हैं, और वो कई शारारिक परेशानी से घिर जाते हैं |
यह बीमारी आम सर्दी जुखाम से शुरू होती हैं, इसलिए इस पर पहले-पहले कोई ध्यान नहीं देता, मगर धीरे-धीरे यह एक एक वेक्टीरिअल और फंगल के रूप में बढ़ जाती हैं, और फिर मनुष्य को sinus से होने वाली problem का सामना करना पड़ता हैं |
योग में sinus का उपचार :-
योग में sinus का सर्वोत्तम उपाय हैं | योग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण आसान हैं, जलनेति
और सूत्र निति क्रिया हैं, और जब आप ये दोनों आसान करते हैं, उसके बाद नियमित रूप से आप भस्त्रिका और आलोम - विलोम करें, ये sinus का सही उपचार हैं |
जलनेति :-
जलनेति बहुत ही महत्वपूर्ण योग क्रिया है, जिसकी सहायता से पानी के द्वारा नाक की सफाई की जाती, जलनेति में गुनगुने पानी में नमक डाल कर आप उसका इस्तेमाल करते हैं | इसमें पानी को Netpot की सहायता से नाक के एक छिद्र से डालते हैं, और पानी नाक के दूसरे छिद्र से पानी बाहर निकाला जाता हैं |
सूत्र नीति :-
यह योग का आसान थोड़ा जलनेति से कठिन होता हैं, इसमें सूत्र अर्थात धागे के माधयम से नाक को साफ किया जाता हैं |
अनुलोम विलोम :-
sinus के लिए एक अच्छा योगासन आलोम-विलोम भी हैं | इसमें एक नाक बंद कर के दूसरी नाक से लंबी सांस ली जाती हैं, और फिर खुली नाक को बंद कर के बंद वाली नाक से सांस छोड़ी जाती हैं इससे नाक में अच्छी तरह सांस का आवागमन होता हैं |
भस्त्रिका :-
भस्त्रिका प्राणायाम एक ऐसा प्राणायाम है, जिसमें लगातार तेजी से अपने बलपूर्वक सांस ली जाती हैं, और बलपूर्वक ही सांस छोड़ी जाती हैं |
योग के कौन से आसान से पेट को कम कर सकते हैं, अगर आप जानना चाहते हैं, तो इस link को Click करें :-