आज-कल सोशल मीडिया के प्रयोग ने लोगों की जिंदगी को बदलकर रख दिया है। हर कोई सोशल मीडिया पर अपनी हर एक्टिविटी पोस्ट करने और साथियों की एक्टिविटीज के बारे में जानकारी हासिल करने में लगा है। लोग इतने आदि हो गए है इन सब चीजों के की कोई इंसान एक टाइम खाना न खाए तो चलेगा पर वो फेसबुक ,व्हाट्सप्प न चलाये तो उसका दिन पूरा नहीं होता | मगर, सोशल मीडिया का युवाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में शायद ही किसी ने सोचा है।
हाल ही में हुए शोध के अनुसार, सोशल मीडिया के इस्तेमाल का लड़कों की तुलना में लड़कियों के स्वास्थ्य पर ज्यादा प्रतिकूल असर पड़ता है। लेखक कारा बुकर ने कहा कि "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि सोशल मीडिया के साथ शुरुआती जुड़ाव की निगरानी करना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से लड़कियों में। कारण, इसका लड़कियों की किशोरावस्था और संभवतया उनके वयस्क हो जाने पर भी उन पर काफी असर पड़ता है।"
शोध में पाया गया कि 59 फीसद लड़कियां और 46 फीसद लड़के सोशल मीडिया पर प्रतिदिन एक या अधिक घंटे बिताते हैं। इससे लड़के और लड़कियों के सुख-प्रसन्नता में गिरावट देखी गई। लेखकों ने पाया कि लड़कियों में हैपीनेस स्कोर तीन अंक गिरकर 36.9 से 33.3 हो गया और लड़कों में यह दो अंक गिरकर 36.02 से 34.55 पर पहुंच गया।