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आपको बता दें की अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर के इंडियन एयर फाॅर्स में शामिल किये जाने से आईएफ की ताकत दोगुनी हो गयी है, और आपको यह जान कर ख़ुशी होगी की वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ की मौजूगी में पठानकोट एयरबेस पर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित 'अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर को आज आईएएफ में शामिल किया और इस अपाचे हेलीकॉप्टर को पूजा-पाठ के साथ भारतीय वायुसेना के बेड़े में लाया गया इसी के साथ अब अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाने वाला दुनिया में भारत 16वां देश बन गया है।
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आइए आपको बताते है इसके बारें में कुछ ख़ास बातें -
- अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलटों का होना जरूरी है।
- अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर करीब 16 फुट ऊंचा और 18 फुट चौड़ा है।
- भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो मुख्य रूप से हमला करने का काम करेगा।
- अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
- यह हेलिकॉप्टर 300 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है और एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है।
- ये अपाचे हेलीकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं।
- ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं।
- अपाचे एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल हो सकता है।
- हेलीकॉप्टर में लगे रायफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
- अपाचे में 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर करीब 300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से उड़ान भर सकता है और दुश्मन के इलाके में जाकर ये अपने टार्गेट को आसानी से खत्म कर सकता है.
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