महाराणा प्रताप के बारे बताइये ?

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Awni rai

| Updated on October 27, 2023 | Education

महाराणा प्रताप के बारे बताइये ?

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@amitsingh4658 | Posted on June 10, 2021

प्रताप सिंह I ( (9 मई 1540 - 19 जनवरी 1597) को लोकप्रिय रूप से महाराणा प्रताप के रूप में जाना जाता था, जो मेवाड़ के 13 वें राजा थे, जो वर्तमान राजस्थान राज्य में उत्तर-पश्चिमी भारत का एक क्षेत्र था।

महाराणा प्रताप का जन्म एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। उनका जन्म उदय सिंह द्वितीय और जयवंता बाई से हुआ था। उनके छोटे भाई शक्ति सिंह, विक्रम सिंह और जगमाल सिंह थे। प्रताप के 2 चरण भी थे: चंद कंवर और मन कंवर। उनका विवाह बिजोलिया के अजबदे ​​पंवार से हुआ था। वह मेवाड़ के शाही परिवार से संबंधित थे।

1572 में उदय सिंह की मृत्यु के बाद, रानी धीर बाई चाहती थी कि उसका बेटा जगमाल उसका उत्तराधिकारी बने लेकिन वरिष्ठ दरबारियों ने प्रताप को सबसे बड़ा बेटा, अपने राजा के रूप में पसंद किया। रईसों की इच्छा प्रबल हुई।

1568 में चित्तौड़गढ़ की खूनी घेराबंदी ने मेवाड़ के उपजाऊ पूर्वी इलाके मुगलों को नुकसान पहुंचाया था। हालाँकि, बाकी लकड़ी और पहाड़ी राज्य अभी भी राणा के नियंत्रण में थे। मुगल सम्राट अकबर मेवाड़ के माध्यम से गुजरात के लिए एक स्थिर मार्ग हासिल करने पर आमादा था; जब 1572 में प्रताप सिंह को राजा (राणा) का ताज पहनाया गया, तो अकबर ने कई दूतों को भेजा जो राणा को इस क्षेत्र के कई अन्य राजपूत नेताओं की तरह एक जागीरदार बना दिया। जब राणा ने अकबर को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया, तो युद्ध अपरिहार्य हो गया।

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को आमेर के मान सिंह प्रथम के नेतृत्व में महाराणा प्रताप और अकबर की सेनाओं के बीच हुआ था। मुगलों विजयी रहे और मेवाड़ियों के बीच महत्वपूर्ण हताहत हुए, लेकिन महाराणा को पकड़ने में विफल रहे। लड़ाई का स्थल राजस्थान के आधुनिक राजसमंद के गोगुन्दा के पास हल्दीघाटी में एक संकरा पहाड़ी दर्रा था। महाराणा प्रताप ने लगभग 3000 घुड़सवारों और 400 भील धनुर्धारियों के बल को मैदान में उतारा। मुगलों का नेतृत्व अंबर के मान सिंह ने किया था, जिन्होंने लगभग 5000-10,000 लोगों की सेना की कमान संभाली थी। छह घंटे से अधिक समय तक चले भयंकर युद्ध के बाद, महाराणा ने खुद को जख्मी पाया और दिन खो गया। मुगल उसे पकड़ने में असमर्थ थे। वह पहाड़ियों पर भागने में सफल रहे और एक और दिन लड़ते रहे।

हल्दीघाटी मुगलों के लिए एक निरर्थक जीत थी, क्योंकि वे उदयपुर में महाराणा प्रताप, या उनके किसी करीबी परिवार के सदस्य को पकड़ने में असमर्थ थे। जैसे ही साम्राज्य का ध्यान उत्तर-पश्चिम में स्थानांतरित हुआ, प्रताप और उनकी सेना छिप कर बाहर आ गई और अपने प्रभुत्व के पश्चिमी क्षेत्रों को हटा लिया।

1579 के बाद बंगाल और बिहार में विद्रोह और पंजाब में मिर्जा हकीम के आक्रमण के बाद मेवाड़ पर मुग़ल दबाव कम हुआ। 1582 में, महाराणा प्रताप ने देवर (या डावर) में मुगल पद पर हमला किया और कब्जा कर लिया। 1585 में, अकबर लाहौर चले गए और अगले बारह वर्षों तक उत्तर-पश्चिम की स्थिति देखते रहे। इस दौरान मेवाड़ में कोई भी बड़ा मुगल अभियान नहीं भेजा गया था। स्थिति का लाभ उठाते हुए, प्रताप ने कुंभलगढ़, उदयपुर और गोगुन्दा सहित पश्चिमी मेवाड़ को पुनः प्राप्त किया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने आधुनिक डूंगरपुर के पास एक नई राजधानी चावंड का निर्माण भी किया

कथित तौर पर, 19 जनवरी 1597 को चावंड में शिकार की दुर्घटना में चोट लगने से प्रताप की मृत्यु हो गई, 56 वर्ष की आयु। ] वह अपने सबसे बड़े बेटे, अमर सिंह I द्वारा सफल हुआ था।

इतिहासकार सतीश चंद्र ने कहा कि

राणा प्रताप के पराक्रमी मुगल साम्राज्य की रक्षा, लगभग अकेले और अन्य राजपूत राज्यों द्वारा अप्रकाशित, राजपूत वीरता की शानदार गाथा और पोषित सिद्धांतों के लिए आत्म बलिदान की भावना का गठन करते हैं। राणा प्रताप के छिटपुट युद्ध के तरीकों को बाद में मलिक अंबर, दक्कनी जनरल, और शिवाजी महाराज ने आगे बढ़ाया।

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@poonampatel5896 | Posted on October 21, 2023

आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं महाराणा प्रताप के बारे में- महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे।उनके संघर्ष की कहानी को सभी जानते हैं।16वीं शताब्दी के राजपूत शासको में से महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे।ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी युद्ध में ना तो अकबर जीत सका और ना ही राणा हारें। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थी, कहा जाता है कि उन्होंने यह सब शादियां राजनीतिक करणों से की थी। 1572 में उदय सिंह की मृत्यु के बाद रानी धीर भाई चाहती थी कि उसका बेटा जगमाल उसका उत्तराधिकारी बने लेकिन वरिष्ठ दरबारी ने प्रताप को सबसे बड़ा बेटा अपने राजा के रूप में पसंद किया। रईसों की इच्छा प्रबल हुई।Loading image...

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@ankitpatel6759 | Posted on October 23, 2023

चलिए आज हम आपको महाराणा प्रताप के बारे में बताते हैं।

महाराणा प्रताप के वीरता की कहानी।

महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 के राजस्थान के मेवाड़ में हुआ था राजपूत घराने में जन्म लेने वाले प्रताप उदय सिंह द्वितीय और महारानी जय बनता बाई के सबसे बड़े पुत्र थे वह एक महान पराक्रमी और युद्ध रणनीति कौशल में दक्ष थे। महाराणा प्रताप ने मुगलों के बार बार हुए हमले से मेवाड़ की रक्षा की उन्होंने अपनी आन बान और शान के लिए कभी समझौता नहीं किया। विपरीत से विपरीत परिस्थिति क्यों ना हो हर कभी नहीं मानी यही वजह है कि महाराणा प्रताप की वीरता के आगे किसी की भी कहानी टिकती नहीं है

हल्दीघाटी का युद्ध

1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच हुआ महाराणा प्रताप ने अकबर की 85 हजार सैनिकों वाली विशाल सेवा के सामने अपने 20000 सैनिक पर सीमित संसाधनों के बल पर स्वतंत्रता के लिए कई वर्षों तक संघर्ष किया बताते हैं कि यह युद्ध 3 घंटे से अधिक समय तक चला था इस युद्ध में जख्मी होने के बावजूद महाराणा मुगलों के हाथ नहीं आए।

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और पढ़े- क्या यह सच है कि वियतनाम ने महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेकर अमेरिका को हराया था?

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@aanyasingh3213 | Posted on October 23, 2023

महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को राजस्‍थान के मेवाड़ में हुआ था। राजपूत राजघराने में जन्‍म लेने वाले प्रताप उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के सबसे बड़े पुत्र थे। जब मेवाड़ में मुगल बार-बार हमला करते थे तो महाराणा प्रताप जी हमेशा अपनी मुल्क की रक्षा करते थे। ऐसा बताया जाता है कि जब हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप और अकबर जी का युद्ध होता था तो ना तो अकबर की जीत होती थी और ना ही महाराणा प्रताप कभी हार मानते थे। महाराणा प्रताप जी ने अपने जीवन में 11 शादियां की है। महाराणा प्रताप जी को बचपन में कई सारे नाम से बुलाए जाते थे जिनमें से एक नाम था कीका जो की बहुत ही प्यार के साथ बुलाया जाता था।महाराणा प्रताप जी का नाम आज भी भारत देश में अमर है क्योंकि उनकी वीरता सबसे अलग थी।

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@kanchanpatel4206 | Posted on October 25, 2023

आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं महाराणा प्रताप के बारे में- महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे।उनके संघर्ष की कहानी को सभी जानते हैं।महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को राजस्‍थान के मेवाड़ में हुआ था। राजपूत घराने में जन्म लेने वाले प्रताप उदय सिंह द्वितीय और महारानी जय बनता बाई के सबसे बड़े पुत्र थे वह एक महान पराक्रमी और युद्ध रणनीति कौशल में दक्ष थे।16वीं शताब्दी के राजपूत शासको में से महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे।ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी युद्ध में ना तो अकबर जीत सका और ना ही राणा हारें। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियां की थी, कहा जाता है 1572 में उदय सिंह की मृत्यु के बाद रानी धीर भाई चाहती थी कि उसका बेटा जगमाल उसका उत्तराधिकारी बने लेकिन वरिष्ठ दरबारी ने प्रताप को सबसे बड़ा बेटा अपने राजा के रूप में पसंद किया। रईसों की इच्छा प्रबल हुई।Loading image...

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@shikhapatel7197 | Posted on October 26, 2023

दोस्तों चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि महाराणा प्रताप कौन थे यदि आपको नहीं पता तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। महाराणा प्रताप पर एक परमवीर योद्धा थे।महाराणा प्रताप जी को बचपन में कई सारे नाम से बुलाए जाते थे जिनमें से एक नाम था जो महाराणा प्रताप को यह नाम बहुत पसंद था, महाराणा प्रताप जी ने कुल11 शादियां की थी।इन्होंने यह शादियां रणनीति की वजह से की थी। महाराणा प्रताप जी का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के मेवाड़ मैं हुआ था, महाराणा प्रताप पर जी ने मुगलों पर हुए बार-बार आक्रमणों से मेवाड़ को बचाया है।16वीं शताब्दी के राजपूत शासको में से महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे हैं।और महाराणा प्रताप जी का नाम आज भी भारत देश में अमर है क्योंकि उनकी वीरता सबसे अलग थी।Loading image...

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