सरोज खान के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य
जब भी नृत्य की कला का उल्लेख किया जाएगा, तो महिला कोरियोग्राफरों में से जिसका नाम सूची के शीर्ष पर होगा वह कोई और नहीं बल्कि स्वर्गीय सरोज खान होंगी। वह मौजूदा समय की सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफरों में से एक थीं, जो सभी प्रकार के डांस में निपुण थीं, चाहे वह शास्त्रीय हों या वेस्टर्न।
3 जुलाई 2020 को मुंबई में 71 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह कार्डिएक अरेस्ट यानी दिल की धदखन रुकने के कारण इस दुनिया को छोड़ गई। सरोज खान लम्बे समय से बीमारी से पीड़ित थीं और उन्हें 24 जून से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके सभी प्रशंसक सदमे और दुख हैं। हर कोई उन्हें याद कर रहा है तो आइये आपको नृत्य कला की महानायिका स्वर्गीय सरोज खान से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य बताते हैं।
• उन्हें भारत में "मदर ऑफ़ डांस" के रूप में जाना जाता है, जो उन्हें दिया जाने वाला सबसे सही शीर्षक है, क्योंकि उनकी महारत लगभग सभी नृत्य रूपों में थी फिर वह भारतीय शास्त्रीय नृत्य हो वेस्टर्न डांस फॉर्म।
• उनका मूल नाम निर्मला नागपाल था और उनका जन्म 22 नवंबर 1948 को हुआ था।
• सरोज खान ने अपने करियर की शुरुआत महज 3 साल की उम्र में फिल्म “नजराना” में एक बाल कलाकार के रूप में की थी। आगे चलकर उन्होंने एक बैकग्राउंड डांसर के रूप में अपने डांस करियर की शुरुआत की।
• उन्होंने अपना शुरुआती प्रशिक्षण प्रसिद्ध कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल से लिया और बाद में उन दोनों ने शादी कर ली। शादी के समय बी सोहनलाल 41 साल के थे जबकि सरोज खान सिर्फ 13 साल की थी।
• उन्हें “गीता मेरा नाम” फिल्म के साथ एक कोरियोग्राफर के रूप में करियर का पहला ब्रेक मिला, हालांकि उनकी पहली सफल फिल्म मिस्टर इंडिया थी जिसमें “हवा हवाई” सांग काफी हिट हुआ था इस मूवी में श्रीदेवी और अनिल कपूर ने अभिनय किया था।
• यह सरोज खान की कोरियोग्राफी का करिश्मा था जिसके चलते बॉलीवुड एक्ट्रेस जैसे माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी को "डांसिंग क्वीन" के रूप में शोहरत मिली। यही वजह है कि माधुरी दीक्षित सरोज खान को अपना असली डांसिंग कोच मानती हैं।
• उनके हिट गानों की लिस्ट में में "एक दो तीन" (तेजाब), "हवा हवाई" (मिस्टर इंडिया) "डोला रे डोला (देवदास)" आदि शामिल हैं जिसके लिए उन्हें पहला राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। उन्हें गीत "ये इश्क है" (जब वी मेट) के लिए अपना दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और एक तमिल फिल्म के लिए उन्हें तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
• उन्होंने चार दशक से अधिक समय तक हिंदी, तेलुगु, तमिल आदि सिनेमा में सक्रिय रूप से काम किया है।
• फिल्म तनु वेड्स मनु से उनका आखिरी बॉलीवुड हिट सांग "साडी गली आया करो" था जिसमें कंगना रनौत और आर महादेवन ने अभिनय किया था।
• वह हॉलीवुड में काम करने वाली एकमात्र भारतीय महिला कोरियोग्राफर थीं। उन्होंने फिल्म 'द गांधी मर्डर' में काम किया था।
• उनकी निजी ज़िन्दगी बेहद उतार-चढ़ाव से भरी रही। उनकी 2 बेटियों और एक बीटा जीवित है। वह हमेशा अपनी नृत्य कला में अपनी जीवंत मुस्कान, अनुशासन और समय की पाबंदी के लिए जानी जाती थीं।
2000 से अधिक गानों को कोरियोग्राफ करने के साथ उन्होंने एक दर्जन से अधिक पुरस्कारों को अपने नाम किया और करीब 4 दशक से भी अधिक के लंबे करियर का सफर तय किया। भारतीय सिनेमा ने एक शानदार शख्सियत को खो दिया है जो हमेशा ही फिल्म इंडस्ट्री के चमकते सितारे के तौर पर बना रहेगा।