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Delhi Press | पोस्ट किया
वैज्ञानिक मानते हैं कि कोई विशालकाय उल्कापिंड धरती पर महाविनाश ला सकता है। रोज ही धरती पर उल्कापात होता रहता है। ये उल्काएं धरती के वायुमंडल में आकर बिखरकर छोटे-छोटे पत्थरों में बंट जाते हैं। इस तरह धरती पर रोज ही लगभग 3 हजार उल्काओं की बरसात होती रहती है।
रूस के उराल पर्वतीय क्षेत्र के ऊपर आसमान में शुक्रवार को एक विशाल उल्का के विस्फोट में करीब 1,000 लोग घायल हो गए। यह विस्फोट इतना भीषण था कि इसके वेग से खिड़कियां टूट गईं और इमारतें हिल उठीं तथा लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई।
क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में चट्टानी वस्तुओं हैं जो कि कई सौ मील चौड़े तक कुछ फुट चौड़े हो सकते हैं। अधिकांश मंगल और बृहस्पति के बीच एक बेल्ट में सौर मंडल कक्षा में पाए जाते हैं। पृथ्वी के 4,660,000 मील की दूरी के भीतर 459 फीट चौड़ा है उसको पार करते हुए और किसी भी स्थान मे वस्तु को "खतरनाक" माना जाता है और नासा द्वारा 1,000 से अधिक ऐसी ज्ञात अंतरिक्ष वस्तुओं की निगरानी की जाती है।
नासा के ग्रह की रक्षा समन्वय कार्यालय है जो पृथ्वी के निकट आने वाले संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रहों और धूमकेतु को ढूंढने, नज़र रखने और उसे प्रदर्शित करने के लिए काम करता है। वे संभावित प्रभावों के बारे में पहले से चेतावनियां जारी करते हैं |
पॉल चोडस, नासा के वैज्ञानिक 14 से अधिक वर्षों के लिए क्षुद्रग्रहों पर काम कर रहे हैं, इन चट्टानी वस्तुओं लगभग निश्चित रूप से हमारे साथ टकराएंगे, जब तक कि वे अपने वर्तमान प्रक्षेपवक्र (trajectory ) में नहीं रहते। एक प्रक्षेपवक्र एक पथ है जो चलती ऑब्जेक्ट समय के एक फ़ंक्शन के रूप में अंतरिक्ष के माध्यम से चलता है।
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