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Urmila Solanki

BBA in mass communication | पोस्ट किया |


प्लस कोड क्या हैं और भारत में पते के बिना स्थानों का पता लगाने में वे कैसे मदद करते हैं?


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Accountant, (Kotak Mahindra Bank) | पोस्ट किया


जैसे जैसे दुनिया का विकास हो रहा है वैसे वैसे तकनिकी मे विकास बढ़ता जा रहा है | पहले समय मे सन्देश पहुंचाने के लिए कबूतर होते है | जो सन्देश को सही जगह पंहुचा देते थे | फिर थोड़ा सा विकास हुआ तो फिर चिट्ठियां जाने लगी | उसके बाद जल्दी सन्देश पहुंचने के लिए तार भेजे जाते थे | फिर इ-मेल उसके बाद पेजर फिर फ़ोन उसके बाद तो मानो तकनिकी विकसित ही होती चली गए | और आज तक विकास चला ही आ रहा है |


जैसा की गूगल ही देख लीजिये ,गूगल एक ऐसा सर्च इंजन है जिसमे आप दुनिया के कोई भी सवाल का जवाब पा सकते है | अब गूगल लाया है गूगल मैप यूजर्स के लिए - अब यूजर की कोई भी लोकेशन सिर्फ एक कोड के जरिए सर्च कर सकेंगे। गूगल ने गूगल मैप में 'प्लस कोड' फीचर एड कर दिया है। यूजर्स को किसी लोकेशन को खोजने में सहूलियत होगी। गूगल का भारतीय यूजर्स पर खास ध्यान है। गूगल ने भारतीय यूजर्स को ध्यान में रखते हुए वॉयस नैविगेशन की सुविधा 6 भारतीय भाषाओं में शुरू की है। यूजर्स को अब गूगल मैप पर वॉयस नैविगेशन की सुविधा बंगाली, गुजराती, कन्नड़, तेलगू, तमिल और मलयालम भाषा में मिलेगी।

क्या है 'प्लस कोड' फीचर :-

'प्लस कोड' एक एरिया और लोकल कोड है। गूगल ने हर लोकेशन के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित किया है। इस कोड में 6 कैरेक्टर होंगे। इस कोड को आप सिटी के नाम के साथ इस्तेमाल कर सकेंगे। यूजर्स लोकेशन सर्च करने के लिए इस कोड को शेयर भी कर सकेंगे।

Letsdiskuss (Courtesy : 20i )



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