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हिंदी भाषा में विराम चिह्न का उपयोग भाषा लिखते समय है, ठराव के लिए करते हैं, यानी रुकने के लिए।
दोस्तों पर जो मैंने सेंटेंस लिखा है उसमें दो तरह के विराम चिन्ह लगाए हैं (,) अल्पविराम दूसरा (।) पूर्ण विराम।
यानी सेंटेंस जब पढ़ा जाता है या लिखा जाता है तो इसमें यह दो महत्वपूर्ण विराम का उपयोग ज्यादातर लोग करते हैं। इसके अलावा? भी विराम चिह्न के अंतर्गत आता है।
रुको, मत जाओ।
इस वाक्य में रुको के बाद अल्पविराम लगा है।
तो इसका अर्थ हुआ कि वह रुक जाए और आगे ना बढ़े।
लेकिन जैसे ही इस वाक्य के अल्पविराम स्थान बदल दे तो वाक्य का अर्थ बदल जाता है।
रुको मत, जाओ।
इसका मतलब हुआ कि रुकना नहीं है सीधे चले जाओ।
तो आप समझ गए हैं कि यहां पर अल्पविराम के प्रयोग से वाक्य के अर्थ बदल जा रहे हैं। इसलिए अल्पविराम का प्रयोग सोच समझकर और जानकारी के अनुसार ही करना चाहिए। यहां चित्र में कुछ अल्पविराम बताए गए उसे आप देख लीजिए। अलग-अलग अल्पविराम के अलग-अलग प्रयोग होते हैं।
पूर्ण विराम (।) क्या बात खत्म होता है पूरी तरीके से वहां पर यह लगता है।
अर्द्ध विराम (;) ...
अल्प विराम (,) ...
प्रश्न चिन्ह (?) ...
आश्चर्य चिन्ह (!) ...
निर्देशक चिन्ह (डैश) (-) या संयोजक चिन्ह या सामासिक चिन्ह ...
कोष्ठक ( ) [ ] { } ...
अवतरण चिन्ह (' ')(")
इत्यादि विराम चिन्ह है़।
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