हर रोज स्कूल में टेस्ट लेने से काफी बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। रोजाना स्कूल में टेस्ट लेने से उनका सिलेबस अधूरा रह जाता है जिसको वह समय से पूरा नहीं कर पाते हैं और पेपर के टाइम में अच्छे मार्क्स नहीं आते हैं। टेस्ट ना देने के लिए वह अनेकों प्रकार के बहाने बनाते है। इसीलिए हमेशा टीचरों को 1 हफ्ते में टेस्ट लेना चाहिए ना कि हर रोज क्योंकि हर रोज टेस्ट लेने से बच्चा उस सिलेबस को पूरा नहीं कर पाता है।Loading image...
| Updated on September 19, 2022 | Education
हर रोज स्कूल में टेस्ट लेने से होने वाले नुकसान क्या है?
ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं जो पढ़ाई में कमजोर होते हैं और यही बच्चे हमेशा क्लास में होने वाले टेस्ट से दूर भागते रहते हैं। इसलिए क्लास में हमेशा टेस्ट लेने से बहुत से नुकसान होते हैं जैसे कि यदि आप रोज टेस्ट लेते हैं दो बच्चों का सिलेबस पूरा नहीं हो पाता और यदि सिलेबस पूरा नहीं होगा तो एग्जाम में बच्चे के मार्क्स अच्छे नहीं आएंगे। इसलिए मैं सलाह देना चाहती हूं कि टीचर को हफ्ते में एक बार क्लास टेस्ट लेना चाहिए ताकि बच्चों का कोर्स पूरा हो सके और आगे के एग्जाम में मार्क्स अच्छे पा सके।Loading image...
@setukushwaha4049 | Posted on September 18, 2022
हर रोज स्कूल मे टेस्ट लेने से एक तो बच्चे टेस्ट ना देने के बहाने स्कूल आना छोड़ देते है, और दूसरी बात यह कि बच्चे रोज टेस्ट लेने से बच्चे अपना कोर्स नहीं कर पाते है और वह सारा टाइम टेस्ट की तैयारी करने मे लगा देते है, इन सबसे बच्चो की पढ़ाई का बहुत नुकसान होता है और इसलिए स्कूल मे टीचरो कों हप्ते मे एक ही बार टेस्ट लेना चाहिए। यदि वह रोज टेस्ट लेते है तो बच्चो का कोर्स अधूरा होने के कारण वह फाइनल एग्जाम मे अच्छा रिजल्ट नहीं ला पाते है क्योकि वह अपने अधूरे कोर्स कों पूरा करने मे लग जाते है जिसके कारण उनका सारा समय अधूरा कोर्स कों पूरा करने मे चला जाता है।Loading image...