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दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं की दाल बाटी धार की पसंदीदा व्यंजन है। दाल बाटी को बनाने के लिए तुवर या मूंग दाल और गेहूं के आटे को गोल करके बनाया जाता है। दोस्तों मैं मध्य प्रदेश की निवासी हूं तो मैं आपको बता दूं की दाल बाटी हमारे मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी बड़े चाव के साथ खाई जाती है। दोस्तों आज मैं आपको बताने वाली हूं की दाल बाटी खाने के कुछ नियम होते हैं। शायद आपको इन नियमों के बारे में जानकारी नहीं होगी तो कोई बात नहीं चलिए मैं आपको बताती हूं की दाल बाटी खाने के क्या नियम है।
यहां पर मैं आपको दाल बाटी खाने के कुछ नियम बताने वाली हूं:-
दोस्तों दाल बाटी खाने के कुछ अजीबोगरीब नियम है जिनको सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा।
दोस्तों कहते हैं की दाल बाटी जींस का पेंट पहन कर नहीं खानी चाहिए क्योंकि बैठने में तकलीफ होती है।
दूसरा नियम है यदि आप दाल बाटी खाने के लिए बैठे हैं तो अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ करके रखें। क्योंकि दाल बाटी खाते वक्त बात करने से पेट में हवा जाती है। और हवा जाने से एक बाती कम खाई जाती है इसलिए बाटी खाते वक्त मोबाइल को स्विच ऑफ रखें।
दाल बाटी खाते वक्त पंखा को अपने पास रखें। ताकि आपको अच्छी हवा आए और खाने में आपका मन लग रहे।
दोस्तों दाल बाटी खाने के बाद मिथुन चक्रवर्ती की पिक्चर नहीं देखनी चाहिए क्योंकि उसकी पिक्चर देखने से माथा खराब हो जाता है। खोपड़ी घनचक्कर हो जाती है। और दाल बाटी का स्वाद भी बिगड़ जाता है।
इस प्रकार दोस्तों मैं आपको यहां पर बता दिया है की दाल बाटी खाने के क्या नियम है। इसलिए आप इन नियमों का पालन करें और दाल बाटी को आराम से बैठकर खाएं।
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