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कोरोना वायरस में वैक्सीन कोविशील्ड इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को कोरोना काल में भारत में सबसे ज्यादा लोगो क़ो लगाया जाता था। मिडिया रिपोर्टस क़े मुताबिक मिली जानकारी क़े अनुसार कोविशील्ड वैक्सीन के अब बहुत से साइड इफेक्ट्स देखने क़ो मिल रहे है।
कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने का सबसे गंभीर साइड इफेक्ट देखने क़ो मिला है कि जिन लोगो ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाया है, उनकी प्लेटलेट काउंट कम हो रही है। और उन लोगो क़े शरीर में खून के थक्के जमने शुरू हो गए है, जिसके कारण से लोगो क़ो हार्ट अटैक आने लगा है।
कंपनी द्वारा कोविडशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स होने का मुख्य कारण बताया है कि इस वैक्सीन में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) होने की वजह से लोगो की प्लेटस काउंट कम हो रही है और ब्लड में थक्के जमने लगे है। दरअसल कंपनी द्वारा दवा किया गया है कि इस तरह मामले में बहुत ही ज्यादा दुर्लभ होते हैं।
मिडिया रिपोर्टस क़े मुताबिक जिन लोगो ने कोविडशील्ड वैक्सीन लगवा चुके है, उनकी प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगा है तथा उनके बॉडी में खून क़े थक्के जमने शुरू हो गए है। ब्लड क़े थक्के क़ो जमने से रोकने क़े लिए लोगों ने ब्लड थिनर टेबलेट यानि खून को पतला करने वाली मेडिसिन खाना शुरू कर दिए है। जल्दबाजी में ब्लड थिनर टेबलेट खाने से आपको बहुत से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है, क्योंकि डॉक्टर क़े परामर्श क़े बिना ब्लड थिनर टेबलेट नहीं खाना चाहिए।
ब्लड थिनर टेबलेट खाने से ब्लड क़े थक्कों को बनने से रोका जा सकता हैं। लेकिन इस टेबलेट क़ो खाने से थक्के नहीं टूटते है, खून क़े थक्कों को बढ़ने से से रोका जा सकता हैं। वही ब्लड क्लॉट बनने से नसों में ब्लॉकेज हो जाता है , हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसलिए ब्लड थिनर टेबलेट का सेवन न करे।
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