दिमागी बुखार एक ऐसा रोग है जिसके चपेट में अक्सर छोटे बच्चे आ जाते हैं | दिमागी बुखार का इलाज़ अगर समय पर न किया गया तो रोगी की मौत भी हो सकती है | इस बीमारी का इलाज़ अगर सही समय पर किया जाए तो अच्छा किया जाए तो यह बीमारी ठीक हो जाती है परन्तु इसका असर कभी-कभी नज़र आ ही जाता है |
आइये बच्चों में दिमागी बुखार होने के क्या लक्षण है जानते हैं -
- दिमागी बुखार का सबसे पहला लक्षण है सिर में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, गर्दन, पीठ व कंधों में दर्द होना और अधिक थकान महसूस होना |
- इसके अलावा इस बुखार की पहचान ब्लड टेस्ट, एक्स-रे और सीटी स्कैन के द्वारा भी हो सकती है |
बच्चों में दिमागी बुखार के लक्षण :-
- बच्चे को बहुत तेज बुखार आना, बच्चे का लगातार रोना, बच्चा अगर बहुत अधिक सो रहा हो और उठने पर उसका चीड़ चिड़ा होना |
- बच्चे को सुस्ती और थकान लग्न उसका खाना न खाना या दूध न पीना, बच्चे के सिर के हिस्से में कुछ उभार (सिर को कोई भाग ऊपर की ओर उठा हो ) होना या फिर बच्चे की गर्दन में अकड़ होना बच्चे को दिमागी बुखार से पीड़ित करता है |
(Courtesy : FirstCry Parenting )
दिमागी बुखार होने पर कुछ बातों का ध्यान रखें :-
- जिन बच्चों या बड़ों को यह बुखार है उनको अधिक भीड़ वाली जगह से बचकर रहना चाहिए |
- दिमागी बुखार वाले व्यक्ति को उन व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए जो पहले से रोगी हो |
- घर में और घर के बाहर सफाई रखें |
- दिमागी बुखार से पीड़ित व्यक्ति को जब भी कुछ खाना ही उससे पहले हाथ ठीक से धो लें चाहिए |
- हर रोज व्यायाम करना चाहिए |
(Courtesy : Zee News )