अशोक चक्र में स्थित 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को दर्शाती है।भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र को स्थान दिया गया हैं. उदाहरण के लिये सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख एवं अशोक स्तम्भ पर अशोक चक्र विद्यमान है.इन तीलियों से सम्बंधित धर्म मार्गों के पथ पर चलने से मनुष्य उन्नति के शीर्ष पर पहुँच सकता है।
पहली तीली :- संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है
दूसरी तीली :- सदैव निरोगी जीवन जीने को प्रेरित करती है तीसरी तीली :- देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग
चौथी तीली :-देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास
पांचवीं तीली :-व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा
छठवीं तीली :- देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा
सातवीं तीली :- मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना
आठवीं तीली :- देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना
नौवीं तीली :-समाज में मैत्री की भावना
दसवीं तीली :- देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना
ग्यारहवीं तीली :- राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना
बारहवीं तीली :- देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना
तेरहवीं तीली :- देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना
चौदहवीं तीली :- देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना
पंद्रहवीं तीली :-देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना
सौलहवीं तीली :- अपनी जिंदगी में नियमों के सयंम को बनाए रखना
सत्रहवीं तीली :- समता मूलक समाज की स्थापना करना
अठारहवी तीली :- धन का सही उपयोग करना
उन्नीसवीं तीली :- देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना
बीसवीं तीली :- सभी लोगों के लिए एक समान न्याय की बात करना
इकसवीं तीली :- आपस में सदैव मिलजुल कर कार्य करना
बाईसवीं तीली :- अपने कर्तव्य का ठीक ढंग से पालन करना तेईसवी तीली :- अधिकारों का कभी भी दुरुपयोग ना करना
चौबीसवीं तीली :- देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना

