मलेरिया उन बीमारियों में से एक है जिसमें समय रहते अगर इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर बीमारी बन कर जानलेवा साबित हो सकती है, और अगर मलेरिया मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो स्थिति बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाती है। ऐसे में कई लोग ब्रेन मलेरिया के बारें में जानते ही नहीं है आपको बता दें कुछ लोगइसे दिमागी बुखार के रूप में भी जाना जाता है | ब्रेन मलेरिया तब होता है जब मलेरिया का सही उपचार नहीं होता और यह बुखार दिमाग तक पहुंच जाता है उसे ब्रेन मलेरिया कहा जाता है | मलेरिया के मरीज़ की अगर सही देखभाल नहीं होती तो इस बीमारी में लोगो की दिमागी संतुलन बिगड़ने समस्यां भी होती है जिससे बेहोशी और चक्कर जैसी परेशनी होती है , और इससे शरीर में खून की कमी हो जाती है |
(courtesy-Medical News Today)
मलेरिया से जुड़ें रिसर्च बताते हैं कि ब्रेन मलेरिया के मरीजों के रेटिना का परीक्षण करके ब्रेन मलेरिया की पहचान की जा सकती है। अगर रेटिना पर अपारदर्शी धब्बे हो और रक्त नलिकाओं का रंग सफेद होने के निशान हो तो इसका अर्थ है कि रेटिना से स्राव हो रहा है और आँखों की नसों में सूजन आ गयी है। ये सेरेब्रल मलेरिया के लक्षण होते हैं। सेरेब्रल मलेरिया से बचाव के लिए आवश्यक है कि मलेरिया से दूरी बनाये रखी जाए।
मलेरिया की परेशानी को रोकने के लिए -
- घर में किसी बर्तन या गमलों में पानी जमा ना होने दें।
- आसपास जमा पानी में मिट्टी का तेल डाल दें ताकि मच्छर पनप ना सकें।
- हल्का बुखार आने पर भी तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें , बुखार को आम समस्याएं न समझें।