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डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इंदौर शहर के पास सहू नामक गांव में एक महर परिवार में हुआ था। एक जमाने में महार जाति के लोग अछूत माने जाते थे। अंबेडकर के पिता का नाम रामजीवन मौसाजी अंबेडकर तथा माता का नाम भीमाबाई था।
शिक्षाः
डॉ. भीमराव अंबेडकर अंबेडकर की प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में दपोली में और हाईस्कूल की शिक्षा सातारा में हुई। वह सन 1912 में बी.ए की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।
महार जाति के होने के कारण डॉ. अंबेडकर को अपनी पढ़ाई के दिनों में कई प्रकार के कष्ट झेलने पड़े। उनको कक्षा में बेंच पर बैठने का अधिकार नहीं था। इसलिए जमीन पर बैठना पड़ता था। एक बार कुएं का पानी पीने से अंबेडकर को खूब मार खानी पड़ी।
डॉ. भीमराव अंबेडकर के गुणः
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इस दुनिया में हर जगह भेदभाव है।
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आज हम आपको डॉ भीमराव अंबेडकर के गुणों के बारे में जानकारी देंगे कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का स्वभाव कैसा था चलिए जानते हैं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन 1891 को हुआ था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम राम जी मालोजी सकपाल था और उनकी माता का नाम भीमाबाई था।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की शादी एक 9 वर्षीय युवती के साथ हो गई थी। क्योंकि उस समय बाल विवाह का प्रचलन था।
भारत की आजादी के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को कानून मंत्री बनाया गया था।
6 दिसंबर सन 1956 को डॉ भीमराव अंबेडकर की मृत्यु हो गई।
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दोस्तों पोस्ट में डॉ.भीमराव अंबेडकर के गुणों के बारे में जानेंगे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में 14 अप्रैल 1891 में हुआ। और अब महू को डॉ अंबेडकर नगर के नाम से जाना जाता है डॉ भीमराव अंबेडकर निम्न जाति के थे इसलिए इनका बचपन बहुत मुश्किलों और कष्टों में व्यतीत हुआ था निम्न जाति होने के कारण इन्हें सामाजिक बहिष्कार अपमान और भेदभाव का सामना करना पड़ा था डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद सबसे पहले इन्होंने सामाजिक भेदभाव को खत्म किया और फिर सामाजिक सुधार पर मोर्चा उठाया। और समाज में फैले छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष किया।
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चलिए आज हम आपको बताते हैं कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के गुणो के बारे में।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भारतीय संविधान का पिता भी कहा जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में हुआ था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के पिता का नाम रामजी मनोजी सकलपाल था और उनकी माता का नाम भीमाबाई था।उनके लिए ये सफ़र बहुत मुश्किल रहा था। इस पूरे सफ़र के दौरान, बाबासाहेब कई बीमारियों से जूझते रहे थे। वो डायबिटीज़, ब्लडप्रेशर, न्यूराइटिस और आर्थराइटिस जैसी लाइलाज़ बीमारियों से पीड़ित थे। डायबिटीज के चलते उनका पूरा शरीर बेहद कमजोर हो गया था। 6 दिसंबर सन 1956 को डॉक्टर भीमराव जी की मृत्यु हो गई थी। भारत की आजादी के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को क़ानून एवं न्याय मंत्री बनाया गया था।
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हम आपको बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को भारतीय संविधान का पिता भी कहा जाता है।डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में हुआ था। महू जाति को बहुत ही नीच जाति समझा जाता था जिस वजह से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को उनकी जाति के कारण बहुत अपमान सहना पड़ा जब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की पढ़ाई करने के लिए स्कूल जाते थे तो उन्हें और बच्चों के साथ टेबल में नहीं बैठने दिया जाया करता था उन्हें धरती पर बैठाया करते थे यह सब देखकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी बहुत दुखी हुआ करते थे ।जो कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के लिए बहुत ही मुश्किल सफर रहा, इसके बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी जब बड़े हुए तो कई सारी बीमारियों से घिर गए और फिर अंत में परलोक को चले गए।
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