अल्जाइमर रोग के शुरुआती दौर में नयी और हाल ही की स्मृतिओं को दोबारा याद करना कठिन होता है। रोगी के लिए किसी नयी जानकारी को ग्रहण करना और याद रख पाना मुश्किल हो जाता है। अगर मैं आपको साधारण शब्दों में समझाऊ तो इसका मतलब है अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है|
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एक व्यक्ति जो कि अल्जाइमर रोग की प्रारम्भिक अवस्था में है, अपने भोजन का ध्यान रखने, पैसा संभालने, दरवाजों को ताला लगाना या दवाई लेना याद रखने में असमर्थ हो सकता है। ऐसे स्त्री या पुरुष दिशा पहचान करने की क्षमता भी खो सकते हैं या गाड़ी चलाते या चलते समय, यहां तक कि परिचित पड़ोस में भी रास्ता भूल सकते हैं। इसलिए याद रखें अगर कभी भी आपको ऐसा लगता है कि आपके आस पास कोई व्यक्ति कुछ कुछ बातें भूलने लगा है तो आप बिना किसी देरी के नज़दीकी डॉक्टर से सलाह ले |
अल्जाइमर के संकेत
- चिड़चिड़ापन
- तनाव
- शांत हो जाना
अल्जाइमर से बचाव
अल्जा़इमर रोग में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने और उच्च शिक्षा स्तर से यह रोग विकसित होने का खतरा कम हो जाता है इसके अलावा नियमित व्यायाम करने और मैडीटेरेनियन आहार (मछली, जैतून का तेल, प्रचुर मात्र में सब्जियां) लेने से लक्षणों को टाला जा सकता है और इस रोग के विकास को धीमा किया जा सकता है।
संभावित अवधि
अल्जाइमर रोग लाइलाज है। एक बार निदान हो जाने के बाद, मानसिक कार्यों का सामान्यतः 3 से 20 वर्षों में (औसतन 10 वर्ष) पतन हो जाता है और अंत में रोगी की म्रत्यु हो जाती है।
पूर्वानुमान
अल्जाइमर रोग के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है पर "कोलिन्सटीरेज" रोधक और "मीमेंटाइन" दैनिक कार्य करने की क्षमता को सुधार सकते हैं, व्यवहार समस्याओं को कम कर सकते हैं और एक स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता को टाल सकते हैं।
अल्जाइमर से बचाव के फायदेमंद योग -
वैसे तो योगा आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है लेकिन क्या आप जानते हैं अपनी याददाश्त दुरुस्त रखने के लिए भी योग का सहारा लिया जा सकता है। यहाँ तक की आप योग से इस समस्यां को जड़ से मिटा सकते हो |
- प्राणायाम और ध्यान
प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ आपके मस्तिष्क के लिए सर्वश्रेष्ठ दवा है। किसी समतल स्थान पर दरी या कंबल बिछाकर सुखासन की अवस्था में बैठकर नियमित रुप से रोज सुबह अनुलोम-विलोम करें और उसके बाद 10 मिनट तक ध्यान करें।
- उष्ट्रासन
उष्ट्रासन से रीढ़ में से गुजरने वाली स्त्रायु कोशिकाओं में तनाव पैदा होता है। इसके चलते उनमें रक्त-संचार बढ़ जाता है। इससे याददाश्त तेज होती है। अगर आप रोज तीन मिनट भी इस आसन को करते हैं तो इससे आपको बहुत फायदा होता है।