जब जब देश में मुश्किल हालात पैदा होते हैं तब तब सेना अपना एक स्पेशल अभियान चलाती है यह पहला समय नहीं है जब सेना ने कोई ऑपरेशन चलाया हो जैसा कि आप सभी जानते हैं इससे पहले भी सेना ने कई ऑपरेशन चलाए हैं. हर ऑपरेशन का अपना एक कोड वर्ड होता है. और उसी कोड वर्ड के सहारे सेना अपने उस ऑपरेशन को अंजाम देती है. इसी तरह कोरोना वायरस से निपटने के लिए सेना ने 'ऑपरेशन नमस्ते' अभियान चलाया है.
ज्ञात हो कि दिसंबर 2001 में संसद पर हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के कुछ अहम सबूत मिले थे. तब भारत ने अपने मिशन को अंजाम देने के लिए उसके खिलाफ ''ऑपरेशन पराक्रम'' चलाया था.
आर्मी चीफ मुकुंद नरवणे ने बताया कि तब भी सेना के जवान लंबे वक्त तक छुट्टियों पर नहीं गए थे.आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ऑपरेशन नमस्ते के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि' सैनिकों की छुट्टी पर पाबंदी लगाई गई है. 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान 8-10 महीने में कोई छुट्टी पर नहीं गया था. पराक्रम में भी हम विजयी हुए थे, ऑपरेशन नमस्ते में भी कामयाब रहेंगे.
भारतीय सेना की खूबी है कि हम अपने सांगठनिक ढांचे और ट्रेनिंग की बदौलत तरह-तरह की आपातकालीन परिस्थितियों से निपट लेते हैं. हम कोविड-19 से निपटने में भी अपनी इसी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे.
सेना की ओर से हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है. इसके लिए सेना के साउर्थन कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉदर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड और दिल्ली हेडक्वॉर्टर में कोरोना हेल्प लाइन सेंटर्स बनाए गए हैं. यानी कि सेना ने हालातों से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है.
