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दोस्तों क्या आप जानते हैं की काली मौत किसे कहा जाता है। यदि आप जानते हैं तो अच्छी बात है और यदि आपको इसकी
जानकारी नहीं है तो आज हम आपको इस आर्टिकल में इसकी जानकारी देंगे:-
दोस्तों काली मौत को ब्लैक डेथ के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाती है। कहा जाता है कि इसके चलते 14वी सादी में तकरीबन ढाई करोड़ लोगों ने अपनी जान गवाई थी। दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अभी कुछ दिनों पहले ही जर्मनी में खुदाई के दौरान इस महामारी के चलते हजार लोगों का मानव कंकाल बरामद किए गए हैं।
चलिए हम आपको बताते हैं कि ब्लैक डेथ के चलते कैसे हुई करोड़ों लोगों की मौत:-
दोस्तों सबसे पहले मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ब्लैक डेथ महामारी कहां से शुरू हुई थी। यह महामारी इटली में एक शहर रिपब्लिक ऑफ़ जेनोवा शहर का मुख्य धंधा था समुद्री व्यापार जी हां दोस्तों जो यूरोप से लेकर सेंट्रल एशिया तक फैला हुआ था। एक बार की बात है इस साम्राज्य के 12 जहाज ब्लैक सी से लौटने के बाद इटली के सिसली पोर्ट पर रुके हुए थे। तब इसे सामान को उतारने के लिए कुछ लोग चढ़े तो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गए। क्योंकि जहाज के अंदर लाशों का ढेर लगा हुआ था, जिनमें से कुछ लासे सड़ चुकी थी जिन्हें चूहा खा रहे थे। और बहुत से लोग जीवित थे लेकिन बुखार से पीड़ित होने की वजह से उनकी हालत बुरी थी उनके शरीर से मावाद बह रहा था। और इसका प्रकोप धीरे-धीरे आसपास के सभी शहरों में भी फैलने लगा। इस बीमारी का इलाज करने से डॉक्टर ने भी मना कर दिया। और जहां शव जहाँ पड़े थे वहीं के वहीं पड़े रहे।
चलिए हम आपको बताते हैं कि इस बीमारी का नाम ब्लैक डेथ क्यों पड़ा :-
दोस्तों मैं आपको बता दूं कि पहले इस बीमारी को मोर्टालिटी के नाम से जाना जाता था। इस बीमारी से जो लोग पीड़ित हुआ करते थे उसकी कांख और जांघों के नीचे बड़े-बड़े फोड़े हो जाते थे। जो कि काले रंग के हुआ करते थे। इस महामारी से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में आंतरिक ब्लीडिंग होती थी। खून बाहर नहीं आता और शरीर के अंदर जमकर काला हो जाता था। जिस वजह से शरीर का रंग काला पड़ जाता था। यही कारण है कि इस महामारी को ब्लैक डेथ के नाम से जाना जाता है।
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