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चलिए आज हम आपको बताते हैं की कोशिका का पावर हाउस किसे कहते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कोशिका का पावर हाउस माइटोकांड्रिया को कहा जाता है। माइटोकांड्रिया किसी भी कोशिका के अंदर पाया जाता है जिसका मुख्य काम कोशिका के हर हिस्से में ऊर्जा पहुंचाना होता है, इसी कारण माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का पावर हाउस भी कहा जाता है। माइक्रो कंडिया की एक खासियत यह है कि यह सिर्फ माँ से ही विरासत में मिलते हैं, पिता से कभी नहीं।
माइक्रो कंडिया कोशिका के केंद्रक के अंदर पाया जाता है जो विभिन्न भोजन पदार्थ का ऑक्सीकरण करता है जिसके कारण ऊर्जा उत्पन्न होती है, उसे ऊर्जा का संग्रहण करके रखने का काम माइट्रोकांड्रिया करता है जिसके कारण इसे कोशिका का पावर हाउस भी कहते हैं।
माइटोकांड्रिया हर प्राणी की सभी जीवित कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म में पाए जाते हैं। कोशिका श्वसन की क्रिया का प्रारंभिक भाग साइटोप्लाज्म में होता है, तत्पश्चात ग्लूकोज को एटीपी में बदलने का कार्य माइटोकांड्रिया में पूर्ण होता है। जिससे अधिक मात्रा में उर्जा उत्पन्न होती है, यही उर्जा शरीर के सभी क्रियो में सहायता करती है। इसीलिए माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का पावर हाउस कहा जाता है।
सूत्र कनिका या माइट्रोकांड्रिया में सभी खाद्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है इसलिए माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का पावर हाउस भी कहते हैं। इसका नाम माइटोकांड्रिया कार्ल बेंडा ने दिया 1898 में दिया था।जीवाणु एवं नील हरित शैवाल को छोड़कर से सभी संजीव पादप एवं जंतु कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में अनियमित रूप से बिखरे हुई दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांग को माइट्रोकांड्रिया भी कहते हैं। कोशिका के अंदर सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखने में यह गोल, लंबे या अंडाकार दिखते हैं।
अब तो आपको जानकारी हो ही गई होगी कि कोशिका का पावर हाउस किसे कहते हैं।
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