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अनुवंशिकता -जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत माता -पिता के गुण पीढ़ी -दर -पीढ़ी उनके सन्तानो मे संचरित होते रहते है, तो इस तरह के गुण अनुवंशिकता कहलाता है।
जैसे - माता -पिता की हाईट छोटी होती है, तो उनके संतान की भी हाईट छोटी होती है और ऐसे ही पीढ़ी -दर -पीढ़ी मे गुण संचरित होते जाते है। इसके अलावा माता -पिता का रंग काला, गोरा होने पर उनके सन्तानो मे भी वही गुण संचरित होते जाते है।
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अनुवांशिकता की परिभाषा:-
आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि अनुवांशिकता क्या है तो चलिए दोस्तों बिना देर किए जानते हैं अनुवांशिकता क्या है जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत माता-पिता और अपने पूर्वजों के गुण उनके पीढ़ी दर पीढ़ी पर संचारित होना इस गुण को आनुवंशिकता कहते हैं, जैसे कि यदि किसी माता-पिता के बच्चे गोरे हैं तो वह स्वाभाविक बात होगी कि उनके माता-पिता भी गोरे होंगे, यदि किसी के माता-पिता लंबे हैं तो उनके बच्चे भी लंबे होंगे इसे ही हम अनुवांशिकता कहते हैं यानी की माता-पिता के गुण बच्चों में दिखाई देते हैं।
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दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि अनुवांशिकता क्या है जीव विज्ञान के अनुसार माता-पिता के गुण उनके ही बच्चों में दिखाई देना अनुवांशिकता कहलाता है यह कहे की माता-पिता के गुण या लक्षण संतान में ही दिखाई देना अनुवांशिकता होता है एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में
संचारित होने वाले लक्षण को अनुवांशिक लक्षण कहते हैं अनुवांशिकता के जनक के रूप में ग्रेगोर जोहान मेंडल है।
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अनुवांशिकता :- जींस द्वारा माता-पिता से उनके उनके बच्चों में या एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी शारीरिक गुणो तथा संगठनों के होने वाले स्थानांतरण को अनुवांशिक कहते हैं।अनुवांशिकता का अध्ययन जनेटिक्स के अंतर्गत किया जाता है। अनुवांशिकता के अध्ययन ग्रेगर जॉन मेंडल की मुलभूत उपलब्धियां अनुवांशिकी के अंतर्गत समाहित किया जाता है।
संचारित होने वाले लक्षण को अनुवांशिक लक्षण कहते हैं
जैसे माता-पिता की हाइट छोटी होती है तो उनके संतान की भी हाइड छोटी होती है और ऐसे ही पीढ़ी दर पीढ़ी में गुण संचारित होते रहते हैं।
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