20 रूपए में एक ऐसी दवा का दावा हुआ है, जो प्रदुषण को नियंत्रित कर करता है, और साथ ही किसानो के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है | आज आपको ऐसे इंसान के बारें में बताते हैं, जो डेढ़ लाख के प्राइवेट कंपनी छोड़ कर किसान बन गए और उन्होंने ऐसी दवा बनाई जो कीटनाशक है जो कीटनाशक ही नहीं बल्कि प्रदुषण को भी नियंत्रित करती है |
पंकज वर्मा जिन्होंने डेढ़ लाख की कंपनी को छोड़ कर किसान बन गए और किसानो के लिए कीटनानाशक दवा बनाई | यह ऐसी दवा है, जो खेती करने के लिए लगने वाली लागत को कम करती है, जिससे किसानो को खेती करने में कम लागत में ज्यादा फ़ायदा होगा |
जब पंकज वर्मा से इस बारें में बात की गई तो - गाजियाबाद में रहने वाले पंकज वर्मा ने बताया कि पराली (फसल काटने के बाद उसका निचला हिस्सा ) जो की अक्सर किसान उसको जला देते थे , वह बेकार नहीं बल्कि किसानो के लिए सोने के समान है |
पंकज वर्मा द्वारा बनाई गई इस दवा का नाम डि-कंपोजर है, जो खेती करने के लिए अमृत के समान है | डि-कंपोजर के प्रयोग कर के पराली को खाद में बदला जाता है, जिसके कारण किसानो को उनकी खेती करने में लगता कम लगेगी और फ़ायदा अधिक होगा | वैसे ये कोई जादू नहीं है, ये साफ़-साफ़ विज्ञान है, जो कह सकते हैं, एक 20 रूपए की शीशी में बंद है | यह वेस्ट डी-कंपोजर है, जो गाय के गोबर और पत्तियों के जीवाणु से मिलकर बना है |
कैसे करें इस्तेमाल :-
एक डि-कंपोजर को 200 लीटर पानी और दो किलो गुड़ के साथ घोल लें और चार दिन के बाद इस घोल का छिड़काव अपने खेत में कर दें | इससे आपके खेत में खेती में लगने वाली लागत कम लगेगी और फसल अच्छी होगी और मुनाफा भी अच्छा होगा | इसका प्रयोग करने से किसानो को कीटनाशक खरीदना नहीं पड़ेगा |

(Courtesy : Shouttermouth )