अर्थिंग वायर फिटिंग के काम में आता है आप जब भी घर में वायरिंग करवाते है तो सभी जरुरी बातों का ध्यान देते है | ऐसे में आप यह बात भी जरूर सोचते है कि वायर फिटिंग अच्छे तरीके से हो जाये और दिखने में भी ख़राब ना दिखाई दे लेकिन इतना सब करने के बावजूद कभी-कभी हमें किसी उपकरण में खराबी आने पर झटका सा महसूस होता है जो कई बार इतना तेज होता है कि अस्पताल तक जाना पड़ जाता है।
(courtesy-ThoughtCo)
इन्ही सब परेशानियों से बचने के लिए वायर पर अर्थिंग की जाती है | किसी उपकरण से झटका लगने का कारण अर्थिंग से जुड़ा होता है। इसकी जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं होती है इसलिए घरों में वायरिंग करवाते समय इस बात की ओर ध्यान नहीं दिया जाता और इसी नज़रअंदाज़ करने के कारण स्थिति गंभीर और खतरनाक बन जाती है।
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अर्थिंग कई प्रकार की होती है जैसे पाइप अर्थिंग, रॉड अर्थिंग और प्लेट अर्थिंग।
आपने इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा कि किसी उपकरण के कनेक्शन वायर के प्लग में सिर्फ 2 पिन ही होते है जबकि किसी उपकरण के प्लग में 3 पिन भी लगी होती है। ऐसे 3 प्लग वाले उपकरण के प्लग के 2 कनेक्शन पिन ऐसी हाई वोल्टेज से उपकरण भी ख़राब हो जाते हैं और हजारों रुपयों का नुकसान पलभर में हो जाता है। ऐसे में ये सोचना जरुरी है कि सुरक्षा के सारे पुख्ता इंतजाम करने के बाद भी झटका लगने की क्या वजह रही होगी इन्ही वजह से हमें अर्थिंग के बारें में जानकारी जरुरी है | ठीक ऐसे ही तरह आयरन के पावर प्लग में भी 3 पिन होते हैं जिनमें ऊपर वाला पिन भू तार कनेक्शन के लिए होता है। अर्थिंग वाला पिन किसी भी उपकरण के कैबिनेट से कनेक्शन किया हुआ होता है।