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Brij Gupta

Optician | पोस्ट किया | शिक्षा


वित्तीय साक्षरता का मतलब क्या है और ये क्यों जरुरी है?


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| पोस्ट किया


वित्तीय साक्षरता क्या है फाइनेंशियल लिटरेसी क्या है?

आज के दौर में पैसे कमाने से ज्यादा महत्वपूर्ण पैसे की बचत करना और उसको सही प्लान में लगाना यानी इन्वेस्ट करना सबसे बड़ी समझदारी की बात होती है। अगर आप वित्तीय रूप से साक्षर हैं तो आप इन पैसों को सही तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं। अब हम आपको बता दें कि वित्तीय रूप से साक्षर होने का क्या मतलब होता है।

वित्तीय साक्षरता का मतलब

आज के दौर में पैसे किस तरह से कमाना, अपने पैसे का सही प्रबंधन कैसे करना, बैंक में बचत करना और शेयर मार्केट में पैसा लगाना तमाम बातों को सीखना वित्तीय साक्षरता कहा जाता है।

स्कूलों में भी सिखाई जाती वित्तीय साक्षरता

आजकल स्कूल में भी अलग से इस तरह की योग्यता बच्चों में डेवेलप किया जाता है, जिसमें स्कूली बच्चों को बैंक, फाइनेंस, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड की जानकारी दी जाती है। इसी को वित्तीय साक्षरता भी कहते हैं।

वित्तीय साक्षरता की जरूरत क्यों होती है?

आज के दौर में डिजिटल करंसी और डिजिटल लेनदेन आदि भी बहुत जरूरी हो गया है ऐसे में वित्तीय साक्षरता इन विषयों यह जानकारी देती है।

ऑनलाइन कई कंपनियां हैं, जो कई तरह की स्कीम देती है। जिसे समझ पाना आम उपभोक्ता के लिए आसान नहीं होता है। ऐसे में अगर पढ़ा लिखा इंसान वित्तीय रूप से भी साक्षर है तो वित्तीय प्रबंधन संबंधित निर्णय आसानी से ले सकता है।

अगर कोई इंसान कितना भी पढ़ा लिखा हो लेकिन उसे फाइनेंस, बैंक, डिजिटल, करंसी, शेयर मार्केट, जमीन में इन्वेस्टमेंट जीएसटी भरना, टैक्स भरना आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं आती है तो वह अपना वित्तीय प्रबंधन सही से नहीं कर सकता है।

कई तरह के वित्तीय प्रबंधन की जरूरत

जैसे एक बैंक अकाउंट होना जरूरी है और इंश्योरेंस प्लान जो उसके जीवन की रक्षा करते हैं, वह होना भी जरूरी होता है। लेकिन इंश्योरेंस प्लान को किस तरह से चुना जाए? आने वाले समय में पैसे की बचत करने के कौन-कौन से तरीके हैं? इन सब पर ध्यान देना जरूरी होता है इसलिए आज के दौर में वित्तीय साक्षरता हासिल किया हुआ इंसान ही अच्छे से तरक्की कर सकता है।



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