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न्यूटन का दूसरा नियम के अनुसार किसी वस्तु पर संवेग परिवर्तन की दर पर लगने वाले बल के समानुपाती होता है। इसे दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि किसी वस्तु के ऑब्जेक्ट पर लगने वाला बल के द्रव के उत्पन्न वितरण के गुणनफल के समानुपाती होता है। उदाहरण के लिए हम यह कह सकते हैं कि क्रिकेट में कोई फिल्डर अगर कैच करता है अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाकर दोनों हाथ से जिन पर बल लगाया जाता है और गेंद का त्वरण का जितना बल होगा उतना ही ज्यादा बल लगेगा.।
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न्यूटन का दूसरा नियम के अनुसार, किसी वस्तु रेखीय संवेग में परिवर्तन की दर उसे वस्तु पर लगाए गए बाह्हबल के अनुक्रमानुपाती होती है एवं संवेग परिवर्तन वस्तु पर लगाए गए बल की दिशा में ही होता है इस गति का दूसरा नियम कहते हैं एवं इस नियम को संवेग का नियम भी कहते हैं।
जैसे - क्रिकेट खेल में खिलाड़ी तेजी से आती गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को पीछे की और कर लेता है इससे गेंद का वेग कम हो जाता है और खिलाड़ी को कोई चोट नहीं लगती है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
न्यूटन के द्वितीय गति नियम मे किसी भी वस्तु पर संवेग परिवर्तन की दर पर लगाने वाला बल ही समानुपाती बल कहलाता है। इसे दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि किसी भी वस्तु के उद्देश्य पर लगाने वाला बल द्रव के उत्पन्न वितरण के गुणनफल का समानुपाती बल कहलाता है।उदाहरण के लिए हम यह भी कह सकते हैं कि क्रिकेट में अगर कोई फिल्डर कैच करता है तो उसको अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाना पड़ता है इसके बाद दोनों हाथ से जिन पर बल लगाया जाता है तथाा गेंद का त्वरण का जितना बल होगा उतना ही बल लगेगा.।
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