Marketing Manager (Nestle) | पोस्ट किया |
यह बीमारी सुनने में ही नहीं बल्कि सच मे ही खतरनाक है | नाम जितना सुनने में मुश्किल और अनसुना सा लग रहा है ये मेडिकल साइंस में उतना ही असामान्य नाम भी है। इस बीमारी में हड्डियों में इंफेक्शन हो जाता है। हड्डियों का एक हिस्सा प्रभाव में आ जाने के बाद ये शरीर की पूरी हड्डियों में फैलने लगता है। यह 10,000 में से दो लोगों को होता है। यह बच्चों और वयस्क, दोनों में होता है। मधुमेह की बीमारी इस बीमारी के खतरे को और अधिक बढ़ा देती है।
ऑस्टियोमाइलाइटिस हड्डियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो आमतौर पर पॉयोजेनिक बैक्टीरिया या माइकोबैक्टिरियम के कारण होता है। यह बैक्टीरिया शरीर के एक हिस्से के हड्डी को प्रभाव में लेकर पूरे शरीर की हड्डियों को इसकी चपेट में ले लेता है। बच्चों में यह बैक्टीरिया नाक या आंक के जरिए शरीर के अंदर जाकर खून में मिल जाता है और हड्डी के भागों में बस जाता है। शरीर में अगर कोई हड्डी पहले से टूटी हुई है या क्षतिग्रस्त है तो वहां जाकर मवाद बनाता है और धीरे-धीरे कर हड्डी को निगल लेता है और एक बड़ा रूप ले लेता है और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है।
फ्रैक्चर के बाद बैक्टीरिया सीधे घाव में प्रवेश करते हैं, मवाद बनाता हैं और घाव के माध्यम से जो अंततः स्राव बन कर निकलते हैं। हड्डियों में दर्द, हड्डियों में सूजन, बुखार, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ों में दर्द स्थानीय लालिमा, पीठ के दर्द का बढ़ना, खून का थक्का बनना, प्रभावित हिस्से में मवाद, हड्डियों में सूजन, आदि इसके लक्षण हैं।
ऑस्टियोमाइलाइटिस में कुछ दिनों के लिए जैसे एक हफ्ते या एक महीने के लिए एंटीबायोटिक चिकित्सा दी जाती है। एक पीआईसीसी लाइन या सेंट्रल अन्तः शिरा कैथिटर अक्सर इस प्रयोजन के लिए लगाया जाता है। इसमें संक्रमित टीशूज़ को हटाकर ही इस बीमारी का पूरा इलाज संभव है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
ऑस्टियोमाइलाइटिस हड्डियों में होने वाली एक ऐसी बीमारी होती है। जो चोट लगने से संक्रमण फैलता है।जिसके कारण हड्डी मे सूजन आ जाती है। यह संक्रमण हड्डी में तब फैलता है जब एक चोट हड्डी को रोगाणु में उजागर करने लगती है। आमतौर पर यह ओस्टियोमाइलाइटिस संक्रमण बच्चों की बाहों और पैरों की हड्डियों को प्रभावित करता हैं।
इसको दूर करने के लिए रोजाना व्यायाम करना चाहिए।
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अनेक प्रकार के विटामिन, हरी पत्तेदार सब्जियां और ड्राई फूड का सेवन करना चाहिए।
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए रोजाना दूध और अंडे का उपयोग करना चाहिए।
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ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis)रक तरह का हड्डियों में होने वाली बीमारी है। जब भी आपके हड्डी में घाव वाले चोट लगते है तब यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी की अगर बात किया जाये तो संक्रमण के माध्यम से हड्डियों में पहुँचता है। जो लोग किसी भी तरह का नशा करते है उनमें यह बीमारी फैलने का दर ज्यादा होता है। जिन लोगों को शुगर की बीमारी है उनके पैरों में ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) विकसित हो सकता है। अगर आपकी हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है या कोई सर्जरी हुई है तब भी यह इन्फेक्शन हो सकता है।
यह एक तरह की दुर्लभ बीमारी है। यह 10 हजार लोगों में किसी 1 को होती है। अगर इस बीमारी की बात किया जाये तो यह बच्चों में केवल भुजाओं में होता है। जिससे बच्चों को हमेशा दिक्क्त का सामना करना पड़ता है। जबकि वयस्कों में यह आमतौर पर कूल्हे (hips), रीढ़ की हड्डियों (spine) और पैरों में होता है। इसके पहले लक्षण की बात किया जाये तो दर्द पहले नंबर पर आता है। यदि आपके शरीर में बार - बार दर्द हो रहा है तो, आपको डॉ से संपर्क करना चाहिए साथ ही इसका इलाज समय पर करवाना चाहिए।
यदि आपको किसी मेडिकल स्थिति या हाल ही में हुई सर्जरी या चोट के कारण संक्रमण होने का खतरा है, तो ऑस्टियोमाइलाइटिस के लक्षण दिखाई देते ही तुरन्त अपने डॉक्टर से संपर्क करें।आमतौर पर त्वचा में पाए जाने वाले स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया की वजह से ऑस्टियोमाइलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी होती है। गंभीर चोट या घाव के कारण भी आस पास की हड्डियों में इंफेक्शन हो सकता है। इसके बारें में पता लगानें के लिए डॉ आपका खून भी टेस्ट कर सकता है , तो इसके लिए आपको हमेशा डॉ का साथ देना चाहिए और उनके कहें मुताबिक दवा लेनी चाहिए।
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