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मैंने बहुत ढूँढा है, मुझे आज तक ऐसा कोई नहीं मिला जिसका दुख कहीं बाहर से आया हो। जो भी दुखी है उसका दुःख उसका खुद का ही बनाया हुआ है। अस्तित्व ने कोई फैसला नहीं कर रखा तुम्हें दुःख देने का। अस्तित्व की तुमसे कोई लड़ाई नहीं है, कोई बैर नहीं है। उसने नहीं तय कर रखा है की जीवन में दुःख होना ही चाहिए।
तुम लगे हुए हो कि जीवन दुखी हो, और दुःख नहीं होता तो दुःख पकड़-पकड़ कर लाते हो। दुःख नहीं होता तो खींच-खींच कर लाते हो।
ये जो तुमने महत्वकांक्षाएं पाल रखी हैं, तुम्हीं ने पाली हैं ना, क्योंकि जीवन ने तो नहीं कहा, ‘ये करो वो करो’। तुम इन्हें लेकर आये हो और भरे हुए बैठे हो। जीवन में तुमने धारणाएं पाल रखी हैं कि मनोरंजन होगा, मज़े करेंगे, और ये जो मनोरंजन की चाहत ही यही बताती है कि वर्तमान बोरियत से भरा हुआ है। और वर्तमान तो बोरियत से भर ही जाएगा जब मन लगा हुआ है कि कहीं और जाकर मनोरंजन होगा। जब मनोरंजन वहाँ है तो बात तय है कि यहाँ बोरियत है।
दुःख से जीवन को तुमने भरा है।
तुम्हें ज़िन्दगी का जो भी कष्ट है, वो तुम्हें किसी और ने नहीं दिया है, तुम ही उत्तरदायी हो। ये भूलना मत, ये द्वैत का नियम है, कि जो तुम्हें चाहिए उसका विपरीत तुरंत पैदा हो जाएगा। तो तुमने सफलता जैसे ही मांगी, तुमने घोषणा कर दी कि ‘मैं अभी असफल हूँ’।
तुमने सुख जैसे ही माँगा तुमने घोषणा कर दी कि ‘मैं भी दुखी हूँ'।
ये जीवन का नियम है, जो मांगोगे उसका विपरीत तुरंत पैदा हो जाएगा।
इसी में दुःख से मुक्ति का उपाय भी छिपा है, सुख की आकांक्षा छोड़ दो, दुःख स्वयं चला जाएगा।
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दुख एक भावनात्मक दर्द होता है जो अंदर से पैदा होता है जो व्यक्ति दुखी होता है उसका मन किसी भी काम को करने में नहीं लगता है। इसके अलावा दुखी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे कि यदि हम किसी से प्यार करते हैं वह हमसे प्यार नहीं करता है तो हमें सबसे बड़ा दुख होता है। इस तरह दुख की वजह से लोगों के अंदर बीमारियां भी होने लगती है जैसे कि दुखी व्यक्ति हमेशा तनाव से ग्रसित रहता है ऐसे में हम आपको दुख दूर करने के कुछ उपाय बताएंगे।
जब भी आपका मन दुखी हो तो आपको संगीत सुनना चाहिए क्योंकि संगीत को सुनने से मन को खुशी मिलती है।
इसके अलावा जब भी आपका मन दुखी हो तो आप अपने प्रियजनों से बात करिए क्योंकि उनसे बात करने से आपको खुशी मिलेगी।
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दोस्तों आज हम इस पोस्ट में दुख क्या है क्यों है और दुख से मुक्त होने के उपाय के बारे में जानेंगे। दुखी होने से परेशानियों का भी खत्म नहीं होती हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी दुखी होता है, संसार में ऐसा कोई जीव या मनुष्य नहीं है जिसे दुख ना हो। इसलिए दुख को भी सामान्य स्थिति ही मान लेना चाहिए।और दुख को कभी खुद के ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। इसलिए इंसान को दुख में परेशान नहीं होना चाहिए। बल्कि खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। इंसान के दुख का कारण उसकी बढ़ती तेज इच्छा है इसलिए कहा जाता है कि किसी चीज के लिए तेज इच्छा नहीं होनी चाहिए। और किसी से भी उम्मीद नहीं रखना चाहिए। अगर आप दुख को दूर करना चाहते हैं तो आपको दुख के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि खुश रहना चाहिए तभी दुख आपके पास ज्यादा समय तक नहीं रहेगा और आप अपनी जिंदगी आराम से जी पाएंगे।
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