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दोस्तों क्या आपको अरारोट और कॉर्न फ्लोर में अंतर मालूम है यदि आपको इनके बीच में अंतर मालूम है तो अच्छी बात है और यदि जिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है तो आज मैं उन लोगों को अरारोट और कॉर्न फ्लोर में अंतर बताना चाहूंगी।
चलिए जानते हैं कि अरारोट और कॉर्न फ्लोर के बीच क्या अंतर होता है:-
दोस्तों मैं आपको बता दूं कि मकई का आटा मक्के के दानो के बीच भीतर के सफेद भाग और उसके स्टार्च द्वारा निर्मित पाउडर होता है। जिसे हम कॉर्न फ्लोर के नाम से जानते हैं। दोस्तों मैं आपको बता दूं कि अरारोट को पौधों की जड़ों से निकाला जाता है।
दोस्तों अरारोट की खेती अधिक केरल में की जाती है। अरारोट से साबूदाना भी बनता है। यह एक सस्ता पदार्थ होता है। अरारोट के द्वारा आप आलू के चिप्स या चावल के पापड़ आदि चीज बना सकते हैं। और कॉर्न फ्लोर की बात की जाए तो यह अनाज से बनता है। आप कॉर्न फ्लोर से कई तरह के व्यंजन बना सकते हैं। कॉर्न फ्लोर का अधिकतर प्रयोग मैक्सिकन और दक्षिण अमेरिकी भोजन में किया जाता है।
चलिए दोस्तों हम आपको बताते हैं कि अरारोट और कॉर्न फ्लोर खाने के क्या फायदे हैं:-
दोस्तों, इसमें अनेक प्रकार के विटामिन और खनिज तत्व होते हैं, जो आपके शरीर को स्वस्थ और प्रोटेक्टेड रखने में मदद करते हैं। अरारोट और कॉर्न फ्लोर का उपयोग वजन नियंत्रण और पाचन क्रिया को सहायक बनाता है, जिससे आप अपने आप को और स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसके अलावा इनका उपयोग बहुत से औषधीय को बनाने में भी किया जाता है। अरारोट के सेवन से हृदय से संबंधित रोगों को भी ठीक करने में मदद मिलती है। दोस्तों कॉर्न फ्लोर के आटे से आप केक फिर अन्य चीजों को बना सकते हैं। इसे बाजार में खरीदने पर यह काफी महंगा मिलता है।
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आरारोट और कॉर्न फ्लोर: समानताएं और अंतर
आरारोट और कॉर्न फ्लोर दोनों ही रसोई में इस्तेमाल होने वाले लोकप्रिय स्टार्च हैं, लेकिन इनके बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। इन दोनों सामग्रियों के बारे में विस्तार से जानें:
मूल स्रोत:
आरारोट: आरारोट एक कंद से प्राप्त किया जाता है जिसे मरांता कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। मरांता के कंद को संसाधित करके आरारोट का उत्पादन किया जाता है।
कॉर्न फ्लोर: जैसा कि नाम से स्पष्ट है, कॉर्न फ्लोर मक्के के दानों से बनाया जाता है। मक्के के दानों को पीसकर महीन पाउडर में परिवर्तित किया जाता है।
रंग और बनावट:
आरारोट: आरारोट एक बेहद महीन, सफेद पाउडर होता है जो छूने पर रेशमी महसूस होता है। यह लगभग बिना स्वाद का होता है और इसकी बनावट नरम होती है।
कॉर्न फ्लोर: कॉर्न फ्लोर भी एक महीन पाउडर होता है, लेकिन इसका रंग हल्का पीला होता है। इसकी बनावट आरारोट की तुलना में थोड़ी खुरदरी होती है और इसमें मक्के का हल्का स्वाद होता है।
पोषण मूल्य:
आरारोट: आरारोट में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, लेकिन प्रोटीन और फाइबर की मात्रा कम होती है। यह ग्लूटेन मुक्त होता है और आसानी से पच जाता है।
कॉर्न फ्लोर: कॉर्न फ्लोर में आरारोट की तुलना में थोड़ा कम कैलोरी होता है, लेकिन इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह भी ग्लूटेन मुक्त होता है और विटामिन बी का एक अच्छा स्रोत है।
पकाने के गुण:
आरारोट: आरारोट एक शक्तिशाली गाढ़ा करने वाला एजेंट है। यह तरल पदार्थों को जल्दी से गाढ़ा कर देता है और एक चिकना, पारदर्शी परिणाम देता है। यह उच्च तापमान पर भी स्थिर रहता है।
कॉर्न फ्लोर: कॉर्न फ्लोर भी एक गाढ़ा करने वाला एजेंट है, लेकिन इसकी क्षमता आरारोट की तुलना में कम होती है। यह एक मटमैला परिणाम देता है और उच्च तापमान पर कम स्थिर होता है।
उपयोग:
आरारोट:
- सॉस, सूप और ग्रेवी को गाढ़ा करने के लिए
- बेकरी उत्पादों में, विशेष रूप से नाजुक बिस्कुट और केक के लिए
- चीनी मिठाइयों और पुडिंग में
- ग्लूटेन-मुक्त बेकिंग में आटे के विकल्प के रूप में
- शिशु आहार में एक पाचन योग्य स्टार्च के रूप में
कॉर्न फ्लोर:
- रोटी, टॉर्टिला और कॉर्नब्रेड बनाने के लिए
- तलने के लिए कोटिंग के रूप में
- थिकनिंग एजेंट के रूप में, विशेष रूप से एशियाई व्यंजनों में
- ग्लूटेन-मुक्त बेकिंग में
- कस्टर्ड और पुडिंग बनाने में
स्वास्थ्य लाभ:
आरारोट:
- आसानी से पचने योग्य होने के कारण पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है
- पेट की समस्याओं को कम करने में मदद करता है
- त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
- वजन प्रबंधन में सहायक हो सकता है
कॉर्न फ्लोर:
- फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है
- विटामिन बी का अच्छा स्रोत है, जो ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण है
- एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करता है
- रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है
प्रतिस्थापन:
आरारोट और कॉर्न फ्लोर को कई रेसिपी में एक दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कुछ समायोजन की आवश्यकता हो सकती है:
-आरारोट को कॉर्न फ्लोर से बदलते समय, मात्रा को दोगुना करें। उदाहरण के लिए, 1 चम्मच आरारोट के लिए 2 चम्मच कॉर्न फ्लोर का उपयोग करें।
-कॉर्न फ्लोर को आरारोट से बदलते समय, मात्रा को आधा करें। उदाहरण के लिए, 2 चम्मच कॉर्न फ्लोर के लिए 1 चम्मच आरारोट का उपयोग करें।
संग्रहण:
दोनों सामग्रियों को ठंडे, सूखे स्थान पर एयरटाइट कंटेनर में संग्रहित करना चाहिए। सही तरीके से संग्रहित किए जाने पर, ये कई महीनों तक ताजा रह सकते हैं।
कीमत और उपलब्धता:
आमतौर पर, आरारोट कॉर्न फ्लोर की तुलना में महंगा होता है और इसे खोजना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कॉर्न फ्लोर अधिकांश किराना स्टोर में आसानी से उपलब्ध होता है और अपेक्षाकृत सस्ता होता है।
पर्यावरणीय प्रभाव:
आरारोट: मरांता की खेती अक्सर छोटे पैमाने पर की जाती है और इसमें कम रासायनिक इनपुट की आवश्यकता होती है। हालांकि, इसकी मांग बढ़ने से कुछ क्षेत्रों में अति-दोहन की चिंता पैदा हो गई है।
कॉर्न फ्लोर: मक्के की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और इसमें अक्सर अधिक रासायनिक इनपुट की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह एक बहुत कुशल फसल है जो कम पानी और संसाधनों के साथ उच्च उपज देती है।
निष्कर्ष:
आरारोट और कॉर्न फ्लोर दोनों ही अपने-अपने गुणों और उपयोगों के साथ मूल्यवान रसोई सामग्री हैं। आरारोट अपनी उत्कृष्ट गाढ़ा करने की क्षमता और नाजुक स्वाद के लिए जाना जाता है, जबकि कॉर्न फ्लोर अपने विशिष्ट स्वाद और बहुमुखी उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। अपनी रेसिपी की आवश्यकताओं और व्यक्तिगत पसंद के आधार पर, आप इनमें से किसी एक का चयन कर सकते हैं या दोनों को अपने रसोईघर में रख सकते हैं।
याद रखें, दोनों सामग्रियां ग्लूटेन मुक्त हैं, इसलिए ये सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए उपयुक्त विकल्प हैं। अंत में, प्रयोग करने से न डरें - विभिन्न व्यंजनों में इन दोनों सामग्रियों का उपयोग करके देखें और अपने पकाने के अनुभव को समृद्ध करें।
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