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भारतीय समाज में सदियों से जाति व्यवस्था का प्रभाव रहा है। कुछ जातियों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा माना जाता है। इन जातियों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए सरकार ने आरक्षण व्यवस्था लागू की है। आरक्षण के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित की जाती हैं।
जनरल और ओबीसी, आरक्षण व्यवस्था के दो मुख्य वर्ग हैं।
जनरल:
ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग):
दोनों वर्गों के बीच मुख्य अंतर:
निष्कर्ष:
आरक्षण व्यवस्था का उद्देश्य सामाजिक न्याय स्थापित करना और पिछड़ी जातियों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में समान अवसर प्रदान करना है। यह व्यवस्था निश्चित रूप से पिछड़ी जातियों के उत्थान में सहायक रही है।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरक्षण व्यवस्था एक अस्थायी व्यवस्था है। इसका उद्देश्य पिछड़ी जातियों को मुख्यधारा में लाना है। जब ये जातियां सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से आगे बढ़ जाएंगी, तो आरक्षण व्यवस्था की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आरक्षण के आधार पर किसी व्यक्ति की योग्यता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। आरक्षण केवल एक साधन है जो पिछड़ी जातियों को आगे बढ़ने में मदद करता है।
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चलिए दोस्तों आज हम आपको जनरल वर्ग और ओबीसी वर्ग में अंतर बताते हैं। जनरल और ओबीसी एक प्रकार की जाति होती है। यह जाति समाज द्वारा बनाई एक जातिय व्यव्स्था है और यह सदियों से भारतीय समाज में चली आ रही है।
जनरल वर्ग और ओबीसी वर्ग में अंतर - जनरल वर्ग में बड़ी जाति आती है जैसे कि पंडित,ब्राह्मण, द्विवेदी, चतुर्वेदी,बड़गईया इत्यादि। जबकि ओबीसी वर्ग में जनरल वर्ग से छोटी जातियां आती हैं जैसे कुशवाहा,साहू, सिंह, इसके अतिरिक्त और कई सारे जातियां होती हैं। जनरल वर्ग को ओबीसी वर्ग से बड़ी जाति माना जाता है।
निष्कर्ष - हमें ओबीसी और जनरल वर्ग या किसी भी वर्ग में भेदभाव नहीं करना चाहिए बराबर रखना चाहिए।
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