होटल वो जगह होती है जहां आपको रहने के लिए कमरा, खाने के लिए खाना और बाक़ी की सुविधाएं औकातानुसार मिलती हैं. औकात होटल की आपकी नहीं. होटल का पहला काम पराए शहर में मुसाफिर को रिहाइश उपलब्ध कराना है. यहां आपको रहने-खाने के अलावा टीवी, फ्रिज, वाईफाई जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं. हालांकि हर जगह ये ज़रूरी नहीं. कुछ सस्ते होटल इन सुविधाओं के बगैर भी होते हैं. रूम सर्विस का सिस्टम आपको अपने कमरे में ही तमाम चीज़ें मयस्सर कराता है. खाना होटल की पर्सनल किचन से परोसा जाता है. कुछ बड़े होटलों का अपना पर्सनल रेस्टोरेंट भी होता है.
मोटल
मोटल, होटल का छोटा भाई है. ये शब्द मोटर और होटल से मिलके बना है. मोटल का सिस्टम मुख्यतः हाइवे पर होता है. इनका काम उन मुसाफिरों को रात रुकने का जरिया उपलब्ध कराना है जो लंबे सफ़र पर निकले हैं और रात में ड्राइव करना नहीं चाहते. ज़्यादातर मोटल सड़क के किनारे होते हैं, जहां कमरे के साथ ही ओपन पार्किंग स्पेस भी होता है. मोटल में होटल जैसी तमाम सुविधाएं अक्सर नहीं होती है. हां, कई मोटल खाना उपलब्ध करा देते हैं लेकिन ये ज़रूरी नहीं.

