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भारतीय घरों में गेहूँ और बाजरे दोनो की रोटियां खाई जाती है। पर अधिकतर गेहूँ को प्राथमिकता दी जाती है। और बाजरे की रोटी को सर्दियों में खाना पसंद किया जाता है।
गेहूँ की रोटी के फायदे -
गेहूँ की रोटी में कर्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक होती है जिससे हमे पुरा दिन ऊर्जा मिलती है और मांसपेशियों को मजबूती देता है।
गेहूँ में ग्लूटेन होता है इसके अलावा इसमे फाइबर , विटामिन, प्रोटीन , मिनरल होते है। जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते है।
बाजरे की रोटी के फायदे -
बाजरे की रोटी ग्लुटेन फ्री होता है। बाजरे की रोटी पोषक तत्वों का भंडार होती हैं। यह पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है। इसमे मैग्निशियम, आयरन, फास्फोरस आदि पाए जाते है।
इसमे जटिल कार्बस् पाए जाते है जो धीरे धीरे ऊर्जा देते रहते है और अधिक समय तक पेट भरा हुआ रहता है। जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती हैं।
मैग्निशियम की मात्रा अधिक होने के कारण हर्दय की मरीजो को बाजरे की रोटी खाने की सलाह दी जाती हैं।
बाजरे की रोटी खाने से शरीर को गर्मी मिलती है क्योकि इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों के मौसम में अधिक होता है।
बाजरे और गेहूँ की रोटी में अंतर -
गेहूँ की अपेक्षा बाजरे की रोटी में प्रोटीन, फाइबर अधिक होता है। और बाजरे की रोटी ग्लुटेन मुक्त होती हैं।
गेहूँ की रोटी पतली और नरम होती हैं वही बाजरे की रोटी मोटी होती हैं और बनाने मे थोड़ा समय लेती है।
गेहूँ की रोटी जल्दी पच जाती हैं लेकिन बाजरे की रोटी धीरे धीरे कार्ब्स को कम करती हैं जिससे अधिक समय तक पेट भरा हुआ राहत है और वजन कम करने में मदद मिलती हैं।
दोनो ही रोटिया स्वाद से भरपूर होती हैं । लेकिन गेहूँ में ग्लुटेन की मात्रा अधिक होने के कारण इसे कम खाने की सलाह दी जाती हैं।
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