बीमारी की जब भी बात होती है तो कुछ समझ नहीं आता कि कौन सी बीमारी किस को हो जाए । आज कल अगर इंसान बहुत अधिक बोलता भी है तो भी यह बीमारी है, अगर वो चुप रहता है तो भी यह बीमारी है । कई ऐसी बीमारियां आ गई है, जिसका कुछ पता नहीं है। आज हम आपको नार्कोलेप्सी बीमारी के बारें में बताते हैं ।
अक्सर इंसान के साथ ऐसा होता है कि उसको काम के वक़्त इतनी नींद आती है, कि वह काम न करने के लिए मजबूर हो जाता है । ऐसे में उसको किसी से बात करने के मन नहीं होता और वो चिड़चिड़ा हो जाता है । जब किसी इंसान के साथ ऐसी कोई स्थति हो तो इसका अर्थ है कि उसको नार्कोलेप्सी की समस्या है ।
वैसे नार्कोलेप्सी कोई रोग या बीमारी नहीं एक ऐसी समस्या है जो किसी को तब होती है जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से थका हुआ होता है । नार्कोलेप्सी मनुष्य की नींद से जुड़ी एक ऐसी परेशानी है जिससे लोग अक्सर परेशान रहते हैं और इस परेशानी से ग्रस्त रहते हैं । ऐसे व्यक्ति कभी भी सो जाते हैं और उसके बाद भी उन्हें नींद आती रहती है । इतना ही नहीं अगर ये निश्चित समय तक सो भी जाएं तो भी यह दिन भर उनींदा(नींद में रहना) और थका हुआ फील करते हैं । इस रोग से ग्रसित अक्सर 15 से 25 साल के युवा होते हैं , इस समस्या में महिला और पुरुष दोनों ग्रसित हो सकते हैं ।
नार्कोलेप्सी के लक्षण :-
- दिन में बहुत अधिक सुस्ती और किसी भी समय और कहीं भी नींद आ जाना ।
- इस रोग से ग्रसित रोगी को चलने में अक्सर परेशानी महसूस होती है ।
- इस रोग से ग्रसित व्यक्ति अर्ध निद्रा में होता है जिसकी वजह से अक्सर उसको डरावने सपने आते ।
- ऐसे व्यक्ति अक्सर अपना काम नींद में ही करते हैं ।
यह कुछ लक्षण है जो व्यक्ति में नार्कोलेप्सी रोग को दर्शाते हैं ।
(Courtesy : उज्जवल प्रभात )