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Shivani Patel

| पोस्ट किया | शिक्षा


UPSC का फुल फॉर्म क्या हैं और इसके वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?


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university.nakul@gmail.com | पोस्ट किया


UPSC (संघ लोक सेवा आयोग), भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संस्था है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है। UPSC का गठन भारतीय संविधान के अनुसार हुआ था और यह संस्था सरकारी नौकरी के चयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

इस लेख में हम UPSC के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, इसके इतिहास, कार्यों, संरचना, चयन प्रक्रिया और इसके वर्तमान अध्यक्ष के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

 

UPSC का फुल फॉर्म:

UPSC का फुल फॉर्म है Union Public Service Commission (संघ लोक सेवा आयोग)। यह आयोग भारत सरकार के लिए एक संवैधानिक निकाय है जो केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति, पदोन्नति और विभागीय परीक्षाओं का आयोजन करता है। UPSC के गठन का मुख्य उद्देश्य भारत में सरकारी सेवा में उचित, पारदर्शी और सक्षम लोगों का चयन करना है।

 

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UPSC का इतिहास और गठन:

UPSC का इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम और ब्रिटिश शासन से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय सिविल सेवा (Indian Civil Services) का गठन हुआ था, लेकिन यह सेवा भारतीयों के लिए सुलभ नहीं थी। 1853 में, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली को लागू किया। यह परीक्षा ब्रिटिश नागरिकों द्वारा भारतीय प्रशासन में पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की जाती थी।

 

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय नेताओं ने इस प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को महसूस किया और भारतीयों के लिए अवसर प्रदान करने की मांग की। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारतीय संविधान के तहत 26 जनवरी 1950 को संघ लोक सेवा आयोग का गठन हुआ, जिसे भारतीय संघीय प्रणाली के अनुरूप बनाया गया।

 

UPSC की संरचना और कार्य:

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की संरचना और कार्य पूरी तरह से भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित किए गए हैं। UPSC का गठन एक अध्यक्ष और कई अन्य सदस्य मिलकर करते हैं। आयोग के सदस्यों की संख्या की कोई निश्चित सीमा नहीं है, लेकिन यह सामान्यत: 6 से 10 तक होती है। अध्यक्ष और सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और उनकी नियुक्ति निश्चित अवधि के लिए होती है। वर्तमान में UPSC के अध्यक्ष और अन्य सदस्य भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों के तहत कार्य करते हैं।

 

UPSC के कार्य:

UPSC के प्रमुख कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

 

  1. केंद्रीय सरकारी सेवाओं में चयन: UPSC केंद्रीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य महत्वपूर्ण केंद्रीय सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है।

  2. परीक्षाओं का आयोजन: UPSC द्वारा विभिन्न केंद्रीय सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इन परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान, मानसिक योग्यता, विश्लेषणात्मक क्षमता और विशेष ज्ञान की जांच की जाती है।

  3. आवश्यकता के अनुसार सलाह देना: UPSC, केंद्र सरकार या राज्य सरकारों को आवश्यकता अनुसार विभिन्न नियुक्तियों, पदोन्नतियों और अन्य प्रशासनिक मामलों पर सलाह देता है।

  4. मूल्यांकन और चयन प्रक्रिया: UPSC हर साल हजारों उम्मीदवारों से आवेदन प्राप्त करता है, और फिर परीक्षा के विभिन्न चरणों, जैसे प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है।

  5. अन्य कार्य: आयोग किसी विशेष आयोग या विभागीय मामले पर सलाह देने के अलावा, किसी भी नई सेवा या नियुक्ति के लिए सलाह भी देता है।

 

UPSC की परीक्षा प्रक्रिया:

UPSC की परीक्षा प्रक्रिया अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और कठिन मानी जाती है, और हर वर्ष लाखों उम्मीदवार इसके लिए आवेदन करते हैं। UPSC परीक्षा तीन प्रमुख चरणों में आयोजित होती है:

 

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam): इस चरण में दो पेपर होते हैं – सामान्य अध्ययन (General Studies) और सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा (Civil Services Aptitude Test, CSAT)। प्रारंभिक परीक्षा में मुख्य रूप से सामान्य ज्ञान और मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है।

  2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam): प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जिनमें से 2 पेपर भाषा के होते हैं (एक भारतीय भाषा और एक अंग्रेजी)। इसके अलावा, सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय (Specialized Subject), और साक्षात्कार के लिए अन्य पेपर भी होते हैं।

  3. साक्षात्कार (Interview): मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में उम्मीदवार की व्यक्तिगत योग्यता, मानसिक स्थिति और प्रशासनिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है।

 

UPSC का महत्व:

UPSC की परीक्षा का महत्व इस तथ्य में है कि यह भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों का चयन करती है, जो देश के विकास, शांति और सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी न केवल केंद्रीय मंत्रालयों में कार्य करते हैं, बल्कि राज्य और जिला स्तर पर भी सरकारी नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

इसके अलावा, UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा भारतीय समाज में एक आदर्श मानी जाती है, और यह युवाओं के लिए करियर बनाने का एक प्रमुख मार्ग है। UPSC की परीक्षा कठिन है, लेकिन यह योग्य और सक्षम व्यक्तियों को ही चुनती है, जो देश की सेवा में योगदान देने के लिए तैयार होते हैं।

 

UPSC का संगठनात्मक ढांचा:

UPSC का संगठनात्मक ढांचा एक लोकतांत्रिक प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है। आयोग के अध्यक्ष और सदस्य भारतीय राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की तरह ही होती है। आयोग के सदस्य भी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं, और उनके चयन में विधायिका और न्यायपालिका का हस्तक्षेप होता है।

 

वर्तमान अध्यक्ष:

UPSC के वर्तमान अध्यक्ष श्री नरेश कुमार (Naresh Kumar) हैं। श्री नरेश कुमार ने 2021 में UPSC के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनके नेतृत्व में UPSC ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जैसे कि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना और डिजिटल माध्यम से परीक्षा आयोजित करने की दिशा में कदम उठाना।

 

UPSC के अध्यक्ष के कार्य:

UPSC के अध्यक्ष का प्रमुख कार्य आयोग की गतिविधियों की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना है कि आयोग द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियाँ पारदर्शी, निष्पक्ष और संविधान के अनुसार हों। इसके अलावा, अध्यक्ष आयोग के निर्णयों और रिपोर्टों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है और सरकारी नीतियों के अनुरूप आयोग की गतिविधियों का मार्गदर्शन करता है।

 

UPSC के कार्यक्षेत्र और चुनौतियाँ:

UPSC का कार्यक्षेत्र विशाल है और इसके सामने कई चुनौतियाँ होती हैं।

 

  1. बड़ी संख्या में आवेदन: हर वर्ष लाखों उम्मीदवार UPSC की परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।

  2. समय की सीमा: UPSC की परीक्षा प्रक्रिया में कई महीने लगते हैं, जो उम्मीदवारों और आयोग दोनों के लिए समयबद्धता की चुनौती उत्पन्न करता है।

  3. नई तकनीकी सुधार: जैसे-जैसे तकनीक में बदलाव होते हैं, UPSC को अपनी परीक्षा प्रणाली को अपडेट करना पड़ता है, ताकि वह डिजिटल युग के अनुरूप हो सके।

 

निष्कर्ष:

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारतीय प्रशासनिक सेवा में योग्य और सक्षम अधिकारियों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण संस्था है। इसकी परीक्षा प्रक्रिया कठिन और प्रतिस्पर्धी है, लेकिन यह योग्य उम्मीदवारों को ही चयनित करती है। UPSC का योगदान भारतीय समाज और प्रशासनिक व्यवस्था में बहुत बड़ा है। इसके वर्तमान अध्यक्ष श्री नरेश कुमार के नेतृत्व में आयोग ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं और आगे भी भारतीय प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रहा है।

 

UPSC की परीक्षा और चयन प्रक्रिया पर देश भर के युवाओं की गहरी नजर होती है, क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की सेवा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है।

 


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