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अलग-अलग जगहों में मकर सक्रांति का क्या म...

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| Updated on January 7, 2019 | others

अलग-अलग जगहों में मकर सक्रांति का क्या महत्व है ?

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@kanchansharma3716 | Posted on January 7, 2019

भारत में जिस तरह विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं, वैसे ही कई तरह के त्यौहार भी भारत देश में मनाये जाते हैं | आज हम मकर सक्रांति की बात कर रहे हैं | सक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है |
इस त्यौहार की बात सबसे अलग है क्योकिं यह त्यौहार सभी जगह अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है |
मकर सक्रांति के दिन दान किया जाता है | इस दिन के लिए कई प्रकार की मिठाइयां घर में बनाई जाती है | मकरसक्रांति के दिन तिल का बहुत महत्व रहता है | तिल की मीठे बनाने से लेकर उसको नहाने के पानी में और साथ ही पूजा में प्रयोग किया जाता है |
उत्तरप्रदेश :-
उत्तरप्रदेश में यह मकर सक्रांति को "दान का पर्व" का पर्व कहा जाता है | माना जाता है मकर सक्रांति के दिन से धरती में अच्छे दिनों की शुरुवात होती है | सक्रांति के दिन दान देना बहुत ही अच्छा होता है | मकर सक्रांति के बाद से शुभ काम की शुरुआत होती है | इस दिन गंगा घाट पर मेले का आयोजन किया जाता है और पुरे प्रदेश में इस त्यौहार को खिचड़ी नाम से जाना जाता है | सबसे अच्छी बात इस दिन सारा आसमान पतंगों से भरा होता है |
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पंजाब :-
मकर सक्रांति पंजाब में 14 जनवरी से एक दिन पहले मानते हैं | पंजाब में यह त्यौहार लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है | इस दिन अग्नि देवता का पूजन किया जाता है | लकड़ियों का एक ढेर एक साथ बनाया जाता है और उसको होलिका दहन की तरह जलाया जाता है और उन पर तिल, गुड़, चावल और भुने मक्‍के की आहुत‍ि दी जाती है। लोहड़ी का पर्व नई दुल्हन और छोटे बच्चों के लिए बहुत खास होता है |
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बंगाल :-
बंगाल में मकर सक्रांति के दिन गंगासागर पर बहुत बड़े मेले का आयोजन हर साल होता है | हर जगह की तरह यहां पर भी इस दिन तिल दान करने की प्रथा है।इस त्यौहार के बारें में यह मान्यता प्रसिद्द है कि यशोदा जी यह व्रत भगवान कृष्णा के लिए रखा था | इसी दिन गंगा का आगमन धरती में हुआ था | इसलिए इस त्यौहार में गंगा सागर में बहुत भीड़ होती है |
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@brijeshmishra8622 | Posted on January 8, 2019

मकर सक्रांति एक बहुत ख़ास और पावन पर्व होता है जिसे अलग अलग लोग अलग अलग नाम से भी जानते हैं | मकर सक्रांति को सूर्य के संक्रमण का त्यौहार भी कहा जाता हैं ,सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं | मकर सक्रांति के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है | मकरसक्रांति के दिन तिल का बहुत महत्व रहता है क्योंकि तिल की मिठाई बनाने से लेकर उसको नहाने के पानी में और साथ ही पूजा में भी इस्तेमाल किया जाता है |


आइए आपको बताते है कहाँ और कैसे मकर सक्रांति मनाई जाती हैं -

- गुजरात और राजस्थान -
गुजरात और राजस्थान जैसी जगहों पर इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है, और ख़ास तौर पर इस दिन पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है |

- महाराष्ट्र -
मकर सक्रांति के दिन महाराष्ट्र में लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं, और एक दूसरे को आपस में भेंट में गजक और तिल के लड्डू दे कर शुभकामनाएं देते हैं |

- बिहार -
बिहार में मकर सक्रांति को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है ,और बिहार में इस दिन उड़द की दाल, चावल, तिल, खटाई और ऊनी वस्त्र दान करने की परंपरा है |

- नेपाल -
नेपाल में मकर सक्रांति को "फसलों का त्यौहार" के नाम से जाना जाता हैं , इस दिन वहां के सभी लोग फसलों की अच्छी बढ़ोत्तरी के लिए एक साथ मिल कर पूजा अर्चना व प्रार्थना करते हैं |

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