रस किसे कहते है?

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| Updated on September 15, 2023 | Education

रस किसे कहते है?

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@setukushwaha4049 | Posted on April 5, 2022

किसी कविता को पढ़कर या सुनकर ह्रदय मे जो आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहते है। काव्य मे रसो की संख्या 9 होती है, इसे दोहे के रूप मे समझा जा सकता है।

उदाहरण :-

शांत रौद्र, अदभुत करुण,हास्यवीर,श्रग्रार।
महाभयानक जानिये,अरु वीभत्स,अपार।

रस का नाम भाव
श्रग्रार रस प्रेम
वीर रस उत्साह
हास्य रस हास
रौद्र रस क्रोध
भयानक रस भय
वीभत्स रस घृणा
करुण रस शोक
अदभुत रस विस्मय
शांत रस निर्वेद

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@poonampatel5896 | Posted on September 15, 2023

रस :- काव्य को पढ़ने से जिस आनंद की अनुभूति होती है अर्थात जिस अनिवार्चनी भाव का संचार हृदय में होता है उसी आनंद को रस कहा जाता है।

रस के चार अंग होते हैं स्थायी भाव,विभाव,अनुभव संचारी भाव आदि होते हैं

स्थायी भाव:- स्थाई भाव का अर्थ होता है प्रधान भाव,स्थायी भाव ही रस का आधार है एक रस के मूल में एक रस विद्यमान रहता है।

विभाव :- जो पदार्थ व्यक्ति परिस्थिति व्यक्ति के हृदय में भावोदरेक उत्पन्न करता है यह विभाव कहलाता है। विभाव दो प्रकार के होते हैं - उद्दीपन विभाव और आलंबन विभाव।

अनुभव :- मनोभावों को व्यक्त करने वाले शारीरिक विकार अनुभव कहलाता है यह भाव साध्विक मानसिक और कयिक होते हैं।

संचारी भाव :- मन में संचरण करने वाले संचारी भाव कहलाता है यह भाव पानी के बुलबुले के समान उठाते विलीन हो जाने वाले भाव होते हैं।Loading image...

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