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चलिए दोस्तों आज हम आपको बताते हैं कि देवर का शाब्दिक अर्थ क्या होता है इससे पहले हम आपको बताते हैं कि देवर कौन कहलाता है।
हमारे पति का जो छोटा भाई होता है वह हमारा देवर कहलाता है। देवर पति का छोटा भाई होता है। वैसे तो देवर भाभी का रिश्ता भाई बहन के रिश्ते के समान होता है। इसके बाद देवर भाभी का रिश्ता मां बेटे के रिश्ते के सामान भी होता है।अगर भाभी देवर से उम्र में ज्यादा बड़ी है तो वह देवर की मां के समान होती है। लेकिन यहां पर देवर का शाब्दिक अर्थ कुछ और ही निकाल कर आता है और इस शाब्दिक अर्थ से पता चलता है कि देवर भाभी का रिश्ता भाई बहन और मां बेटे के रिश्ते के समान तो होता ही है इसके साथ ही देवर भाभी का दूसरा वर भी कहलाता है। चलिए हम आपको देवर के शाब्दिक अर्थ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
देवर का शाब्दिक अर्थ निम्न होता है-
मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि देवर शब्द की उत्पत्ति द्ववि वर यानी दूसरा वर से हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी औरत का देवर उसका दूसरा वर हो सकता है।
जैसे कि अगर किसी स्त्री के पति का किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो वह स्त्री अपने देवर से शादी कर सकती है।
लेकिन याद रहे कि किसी स्त्री का देवर दूसरा वर तभी कहलाता है जब उसके पति की मृत्यु हो जाती है अन्यथा उससे पहले उस स्त्री का अपने देवर से रिश्ता भाई बहन के रिश्ते के समान होता है। अपने पति के जीवित रहते हुए कोई भी स्त्री अपने देवर को दूसरे वर के रूप में नहीं सोच सकती है कि यह मेरा दूसरा वर है।यह बात उसके लिए सोचना भी पाप होता है।
तो इस प्रकार मैंने देवरा का शाब्दिक अर्थ बताते हुए देवर भाभी के बीच का रिश्ता भी बता दिया है।
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क्या आप जानते हैं कि देवर का शाब्दिक अर्थ क्या होता है। यदि आप किसकी जानकारी है तो अच्छी बात है और यदि जिन लोगों पर इसकी जानकारी नहीं है तो आज मैं उन लोगों को इसकी जानकारी देना चाहूंगी :-
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं की शादी के बाद लड़कियों के कई सारे नए रिश्ते बन जाते हैं। जैसे की ससुराल जाने पर हमें नए मम्मी पापा मिल जाते हैं, भाई की जगह पर देवर मिल जाते हैं, बहन की जगह पर नंद मिल जाती है। दोस्तों देवर हमारे पति का छोटा भाई होता है इसलिए देवर और भाभी का रिश्ता मां और बेटे के जैसे होता है। इसके अलावा देवर भाभी का रिश्ता भाई और बहन की तरह भी होता है। लेकिन आपको मालूम नहीं होगा कि देवर का शाब्दिक अर्थ क्या होता है तो कोई बात नहीं चलिए हम आपको बताते हैं।
यहां पर हम आपके देवर शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या होता है चलिए बताते हैं:-
दोस्तों मैं आपको बता दूं कि देवरा शब्द की उत्पत्ति द्वि वर यानी कि दूसरा वर्ष हुआ है। यानी कि हम कह सकते हैं कि किसी भी औरत का दूसरा वर उसका देवर होता है। यानी कि हम कह सकते हैं कि यदि किसी औरत का पहला पति किसी कारणवश मर जाता है तो उसकी पत्नी अपने देवर से शादी कर सकती है। या फिर किसी पत्नी का पति उसकी देखरेख नहीं कर पता है तो ऐसी स्थिति में उसका देवर उसकी देखरेख कर सकता है और यदि मौका पड़े तो उससे शादी भी कर सकता है। दोस्तों इस प्रकार मैंने आपको यहां पर देवर शब्द का शाब्दिक अर्थ बता दिया है।
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