वास्तु शाश्त्र मे लो-शु वर्ग और यिन-यांग का क्या अर्थ है ? - letsdiskuss
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Satnaam singh

@letsuser | पोस्ट किया | ज्योतिष


वास्तु शाश्त्र मे लो-शु वर्ग और यिन-यांग का क्या अर्थ है ?


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Sales Executive in ICICI Bank | पोस्ट किया


वास्तु शाश्त्र का ज्ञान अधिकतर लोगो को है और बहुत से लोग इसको मानते भी है | घर बनवाने से लेकर घर मे रखने वाली चीजों के स्थान को भी वास्तु शाश्त्र के आधार पर मानते है | यहाँ तक के घर मे फर्नीचर कौन से रंग का हो ,पर्दे कौन से कलर के हो ये तक आज कल वास्तु के हिसाब से ही होता है | क्योर्स कहा लगाना है घर मे क्या रखना है ये सब वास्तु शास्त्र के आधार पर निर्धारित होता है |
लो -शु वर्ग क्या है :-
यह एक शक्ति शाली यन्त्र है | इसमें एक से नौ तक नंबर केवल एक बार प्रयोग होते है | इसका वर्क 3 x 3 मे बटा हुआ होता है | और सब जगह का जोड़ 15 ही आता है | इसको पर्श मे रखना या घर के मुख्य द्वार पर लगाना शुभ होता है |
छेत्र :-
1-करियर ,2-विवाह ,3-परिवार,4-ज़मीन और जायदाद,5-सेहत और पैसा,6-दोस्त और सलाहकार,7-बच्चो की तरफ से खुसी,
8-पढाई,9-सफलता |
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यिन - यांग :-
ये यन्त्र दो विपरीत शक्तियों को मिलता है | जैसे पति - पत्नी ,सुख -दुःख ,रात -दिन , सूर्य -चन्द्रमा आदि | ये यन्त्र अपनी लाइफ मे एक अच्छा नियंत्रण बनाकर रखता है | वास्तु शाश्त्र मे इसको पानी की तरह बताया गया है | पानी जब पिया जाये तो वो किसी अमृत से कम नहीं परन्तु यही पानी अगर बाढ़ का रूप ले ले तो सब कुछ तबाह कर देता है |
जैसे :- आप अगर घर बनवाते हो तो अगर आपके घर की दीवार का कलर डार्क है तो आप फर्नीचर हल्के रंग के ही लाओगे |


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