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Rinki Pandey

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नेशनल हेराल्ड केस क्या है? विवाद क्या है?


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नेशनल हेराल्ड केस क्या है आइए जाने इसके बारे में-

National Herald Case नेशनल हेराल्ड एक अखबार का नाम है। वर्तमान में राहुल गांधी से अखबार से संबंधित घोटाले पर पूछताछ हो रही है।

सबसे पहले हम जानेंगे कि नेशनल हेराल्ड अखबार कब निकाला गया और इसके पहले एडिटर कौन थे?

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नेशनल हेराल्ड आजादी से पहले का अखबार है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत के लोगों को गुलामी की जंजीरों से निकालने के लिए इस अखबार को निकाला था। चाहते थे कि आजादी की अलख जगाने वाला यह अखबार प्रकाशित हो इसलिए कई बार इस अखबार पर पाबंदियां लगा दी थीं।

आपको बता दें कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू अखबार को लखनऊ से तब शुरू किया था। उस समय इस अखबार का उद्देश्य भारत की आजादी में अपना योगदान देना था। इस अखबार का टैगलाइन है- फ्रीडम इज इन पेरिल, डिफेंड इट विद आल योह माइट। (इसका अर्थ है कि भारत की स्वतंत्रता संकट में है। अपनी शक्ति से इसकी रक्षा करना है।)

आपको बताते दे कि अंग्रेज सरकार इस अखबार से इतना डर गई थी कि 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन इस समय किस अखबार पर रोक लगा दिया था। आज की अखबार निकाली जा रही है। इस अखबार में 15 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। यह साप्ताहिक अखबार है इसकी एक प्रति की कीमत ₹20 है। आपको बता रहे सन् 1978 में जाने-माने पत्रकार संपादक खुशवंत सिंह इस अखबार के संपादक रह चुके हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार का दिल्ली संस्करण 1968 में लांच हुआ था।

नेशनल हेराल्ड अखबार कंट्रोवर्सी

Congress लीडर ने Associate Journal Limited एजल नाम की कंपनी बनाकर 1938 में हेराल्ड अखबार शुरू किया था। अखबार कई राज्यों में भी प्रकाशित हो रहा था और इस कारण से इसे सरकारी सस्ती जमीने भी मिली। आर्थिक तंगी के कारण 2008 में अखबार बंद हो गया था। तब इस अखबार को फिर से नई कंपनी के नाम से शुरू किया गया। सन 2010 में यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी गई। सन 2010 में एजेएल के ऊपर कांग्रेश के 90 करोड रुपए बकाया होने की न्यूज़ सामने आई।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप यह है कि इंडिया कंपनी की शुरुआत कारोबार करने के लिए नहीं की गई बल्कि Associate Journal Limited एजल नाम की कंपनी को अधिग्रहित करने के लिए की गई थी। इस कंपनी ने एजल को खरीदकर के 2000 करोड रुपए का संपत्ति अपने नाम कर लिया। इस कारण से सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर ईडी इस घोटाले पर पूछताछ कर रही है।



सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी शिकायत

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 इस पूरे प्रकरण पर दिल्ली की एक अदालत ने खुद जाकर शिकायत कर दी और यह आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने अपनी कंपनी यंग इंडिया के जरिए एजेएल कंपनी को कैप्चर करके धोखाधड़ी किया है। उनके आरोप में कितनी सच्चाई है यह कोर्ट के फैसले के बाद ही पता चलेगा। तब से यह विवाद सामने आया है और इस समय ईडी द्वारा पूछताछ हो रही है। मामला कोर्ट में है। क्या फैसला होगा यह तो बाद में पता चलेगा।

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