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अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में मिशन शक्ति भारत के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की जानकारी देते हुए बताया है कि बुधवार के दिन भारत ने अंतरिक्ष में दूसरे देश के किसी सैटेलाइट को मार गिराया है। इस कामयाबी के बाद भारत विश्व का चौथा ऐसा करने वाला देश बन गया है। इसरो और डीआरडीओ की सहायता से हुआ इस मिशन की जो सबसे बड़ी खास बात रही, वह यह कि इसे पूरी तरह से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसियों यानी इसरो और डीआरडीओ की मदद से पूरा किया गया यानी कि ये मिशन पूरी तरह से स्वदेशी रहा, जो निश्चित तौर पर भारत के लिए गौरव का विषय है।
लोकसभा चुनाव पर इसका असर
इसमें कोई शक नहीं कि पीएम मोदी की कोशिश वैज्ञानिकों की इस मेहनत का श्रेय खुद लेने की रही होगी, तभी उन्होंने इस पर राष्ट्र के नाम संदेश जारी कर दिया लेकिन इस सोशल मीडिया के इस दौर में विपक्षी कांग्रेस कहां प्रधानमंत्री का पीछा छोड़ने वाली थी। एक तरह से कहें तो मिशन शक्ति के नाम पर पीएम मोदी ने अपने कट्टर विरोधी कांग्रेस की एक और उपलब्धि को देश के सामने लाकर रख दिया।
पंडित नेहरु थें दोनों संस्थाओं के स्वप्नद्रष्टा
आपको बताते चलें कि इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्थापना 15 अगस्त 1969 को कांग्रेसी हुकूमत में ही हुई थी जबकि डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की स्थापना पंडित जवाहर लाल नेहरु के प्रधानमंत्रित्व काल में 1958 में हुई थी। इसरो का निमार्ण पंडित नेहरु ने अपने वैज्ञानिक मित्र विक्रम अंबालाल साराभाई के साथ मिलकर शुरु कराया था। इस तरह से कह सकते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी ने जाने अनजाने कांग्रेस को अपनी एक और उपलब्धि बनाने का मौका दे दिया। वैसे इस मिशन का पूरा श्रेय वैज्ञानिकों को जाता है।
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