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आइए आज हम आपको बता रहे कि आखिर इस्कॉन मंदिर की सच्चाई है क्या कहा जाता है कि इस मंदिर में विवाद बयान दिया गया है कि इस मंदिर की कमाई का अड्डा है और जो इस मंदिर में चढ़ावे होते हैं उन्हें सीधे अमेरिका में भेज दिए जाते हैं यह मंदिर इस्कॉन भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में पंजीकृत संस्था है। इसी मंदिर को कृष्ण भावना व्यक्त संघ के नाम से भी जाना जाता है। और इस मंदिर की स्थापना श्री मूर्ति अभय चरणारबिंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी ने 1966 को न्यूयार्क के सिटी मे की थी। और इस मंदिर का निर्माण पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण के संदेश को पहुंचाने के लिए किया गया था.।
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आइए दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इस्कॉन मंदिर की पूरी सच्चाई बताते हैं। हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस्कॉन को हरे कृष्ण संप्रदाय के नाम से भी जाना जाता है। इस्कॉन मंदिर एक अमेरिकन संस्था है। तथा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण का संदेश पहुंचाने के लिए किया गया था। लेकिन अब लोग इस मंदिर को कमाई का एक जरिया बना लिए हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी चढ़ावा आता है उस चढ़ावे को अमेरिका भेज दिया जाता है।
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