जैसा कि हिन्दू धर्म में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष से नए वर्ष की शुरुआत मानी जाती है, उसी दिन गुड़ी पड़वा मनाया जाता है | यह त्यौहार मराठियों का एक प्रमुख त्यौहार होता है | इस साल यह त्यौहार 6 अप्रैल 2019 को मनाया जा रहा है | चैत्र के नवरात्रों के पहले दिन ही यह त्यौहार मनाया जाता है, आइये इस त्यौहार से जुडी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं |
- गुड़ी का अर्थ होता है "विजय पताका" और पड़वा का अर्थ है प्रतिपदा | महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला यह त्यौहार विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है |
- इस त्यौहार से एक मान्यता जुडी हुई है, इस दिन एक कुम्हार जिसका नाम शालिवाहन था, के पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से अपने शत्रु की सेना पर विजय पाई थी | इसलिए इस दिन शालिवाहन शक की शुरुआत मानी जाती है |
- पुराणों के अनुसार यह भी माना जाता है, कि आज के दिन ब्रह्मा जी ने इस दुनिया की रचना की थी और इस दिन सतयुग की शुरुआत मानी जाती है |
- कुछ मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि भगवान राम ने गुड़ी पड़वा के दिन बलि का वध किया और उनसे अत्याचारों से प्रजा को मुक्ति दिलाई थी |
- माना जाता है इस दिन गणितज्ञ भास्कराचार्य ने तिथि, वार , नक्षत्र , योग और करण पर आधारित पंचाग की रचना की थी |
(Courtesy : dnaindia )