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चलिए दोस्तों हम आपको बताते हैं कि कंडेनसर का क्या इस्तेमाल होता है लेकिन इससे पहले जानते हैं कि कंडेनसर क्या होता है।
कंडेनसर क्या है :-
दोस्तों हम कंडेनसर को एक हीट एक्सचेंजर भी कह सकते हैं। जो केक गैसीय पदार्थ को ठंडा करके एक तरल अवस्था में संघनित करता है। कंडेनसर का उपयोग ज्यादातर इंडस्ट्रीज के हीट रिजेक्शन सिस्टम में होता है। जैसे कि स्टीम पावर प्लांट में, केमिकल इंडस्ट्रीज में, और एयर रेफ्रिजरेशन सिस्टम में।
चलिए जानते हैं कि कंडेंसर का आविष्कार किसने किया:-
मैं आपको बता दूं की सबसे पहले सन 1771 में स्वीडिश जर्मन रासायनज्ञ क्रिश्चियन वीगेश मैं काउंटर फ्लो कंडेनसर का आविष्कार किया था।
कंडेसर तीन प्रकार के होते हैं :-
चलिए हम आपको बताते हैं कि कंडेंसर का प्रयोग पंखों में कैसे किया जाता है:-
मैं आपको बता दूं कि कंडेनसर का इस्तेमाल पंखे की स्पीड को बढ़ाने के लिए किया जाता है।और फिर कंडेंसर समय के साथ धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है और पंखे की स्पीड धीमी हो जाती है। और यदि आप ऐसे में अपने पंख की स्पीड को तेज करना चाहते हैं तो उसकी कैपेसिटर चेंज कर सकते हैं।
इस प्रकार मैंने आपको यहां पर बता दिया है कि कंडेनसर क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है और कहां पर किया जाता है पूरी जानकारी दे दी है। इसलिए आप यदि जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे आर्टिकल को एक बार पूरा अवश्य पढ़े। ताकि आपको कंडेंसर से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त हो सके क्योंकि यहां मैं आपको सही और सटीक जानकारी दी है।
जानकारी अच्छी लगी हो तो आंसर को लाइक और कमेंट करें।
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चलिए दोस्तों इस पोस्ट के जरिए मैं आपको बताती हूं कि कंडेनसर क्या होता है और इसका क्या इस्तेमाल होता है।
कंडेनसर क्या है - कंडेनसर एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है,जो सेल के आकार का होता है और इसमे दो तारे लगी होती है। कंडेन्सर गोलाकार होता है और इसके ऊपरी सिरे पर दो तार लगी होती है। कंडेन्सर आम तौर पर पंखे, कूलर, आदि मे लगाया जाता है।
कंडेनसर का उपयोग- कंडेनसर का उपयोग आम तौर पर पंखा कूलर आदी मे किया जाता है। अगर किसी पंखा या कूलर में नया कंडेनसर लगा होता है तो वह पंखा तेज स्पीड में चलता है। और अगर वही कंडेनसर पुराना हो जाता है तो पंखे की गति धीमी हो जाती है। इसलिए हमें पंखे और कूलर के कंडेनसर को बदलते रहना चाहिए ताकि पंखा और कूलर अच्छी तरह से हवा देता रहे। अगर आपका पंखा चलते-चलते धीमी गति में हो जाता है या रुक जाता है तो आप समझ जाइए की कंडेनसर में कोई खराबी है और आपको तुरंत पंखे का कंडेनसर बदलवा देना चाहिए।
कंडेनसर कई प्रकार के मॉडल में पाए जाते हैं, जिन्हें पंखे के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है। चलिए हम कंडेनसर के कुछ मॉडलों के बारे में बताते हैं-
कैपेसिटर फॉर सेलिंग फैन - इसका इस्तेमाल 2.5 एमएफडी वाला कैपेसिटर मोटर फैन और ऐसे डेजर्ट एयर कूलर में इस्तेमाल किया जाता है। यह 440 वोल्ट की मैक्सिमम ऑपरेटिंग करंट के साथ आता है.। इसका इस्तेमाल करने से फैन की स्पीड काफी ज्यादा तेज हो जाती है और आपको गर्मी से राहत मिलती है.।इसे आसानी से लगाया जा सकता है।
आयल फिल्ड कैपेसिटर - यह 2.5 माइक्रोफैरेड वाला कंडेनसर है। यह नॉर्मल कंडेनसर के मुकाबले 5 गुना तक ज्यादा चल सकता है। यदि आपका सीलिंग फैन स्लो हो गया है, तो यह कैपेसिटर उसकी स्पीड को वापस नए सीलिंग फैन जैसा बना सकता है। यह राउंड शेप में आता है और इसे सावधानी से लगाना चाहिए।
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