B.A. (Journalism & Mass Communication) | पोस्ट किया |
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आइए जानते हैं कि आखिर वर्चुअल आईडी कार्ड होता क्या है?
वर्चुअल आईडी एक तरह का इंफॉर्मेशन वाला आधार का एक क्लोन है जिसमें यूजर्स का केबल बेसिक डीटेल्स होंगी जैसे कि नाम, पता, और फोटो ही शेयर होंगी वर्चुअल आईडी को एक से अधिक बार जनरेट किया जा सकेगा लेकिन यह एक लिमिट समय के लिए ही होगा और जब नया कोड जनरेट होगा तो पुराना वाला invaild हो जाएगा और इसकी एक खास बात यह होगी कि इसकी कोई नकल नहीं कर पाएगा। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है और भारत सरकार ने 1 मार्च से वर्चुअल आईडी बनाने के लिए एलान कर दिया है।
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वर्चुअल आईडी मे एक 16-डिजिट का अस्थायी कोड होता है जिसका उपयोग आधार वेरिफिकेशन के लिए किया जाता है। आप एजेंसियों मे अपने आधार नंबर की जगह UIDAI वर्चुअल आईडी दे सकते हैं और अपने आधार कार्ड की जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं, इससे कोई दूसरा आपकी आधार जानकारी प्राप्त नहीं कर पाएगा। आप प्राइवेट और सरकारी दोनों संगठनों में अपने ई -केएईसी पूरा करने के लिए आधार वर्चुअल आईडी प्रदान कर सकते हैं। वर्चुअल आईडी का उपयोग आधार कार्ड को UIDAI के ऑफलाइन पोर्टल से डाउनलोड करने के लिए भी किया जाता है।
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दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि वर्चुअल आईडी कार्ड क्या होता है। वर्चुअल आईडी कार्ड में 16 डिजिट का नंबर होता हैं जिसका उपयोग आधार वेरिफिकेशन के लिए किया जाता है। वर्चुअल आईडी कार्ड में हमारी कुछ इंफॉर्मेशन होती हैं। जैसे कि नाम, जन्मतिथि और पता इस कार्ड में लिखा होता है। वर्चुअल आईडी कार्ड जब हमारे अकाउंट से लिंक होता है तो हम इसकी सहायता से कहीं से भी अपने अकाउंट से पैसे को निकाल सकते हैं। वर्चुअल आईडी कार्ड एक बहुत ही जरूरी दस्तावेज है।
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