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किस बात ने आपको निःशब्द कर दिया

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| Updated on July 30, 2024 | entertainment

किस बात ने आपको निःशब्द कर दिया

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@meenakushwaha2225 | Posted on May 17, 2024

मेरे दोस्त की मम्मी हॉस्पिटल मे एडमिट थी, मै हॉस्पिटल से दूर मेडिकल दवाई लेने क़े लिए आया था। तभी मैंने देखा कि मेडिकल शॉप के पास पहुंचते ही मैंने पार्किंग में गाड़ी खड़ी करके उतरा तो मैंने देखा कि एक भिखारी खड़ा हुआ तो उसने धीरे से कुछ बोला और शायद वह कुछ खाने क़े लिए मांग रहा था और मैने उसकी बात इग्नोर करक़े वहाँ से निकल गया। मुझे हॉस्पिटल दवाई लेकर जल्दी जाना था,मैंने जैसे ही मेडिकल से जैसे ही दवाई लेकर निकलाकर बाइक मे बैठा तो उसी आदमी क़े ऊपर मेरी नज़र पड़ी,वह बच्चे के साथ खड़ा था और उसका बच्चा बोल रहा था पापा भूख बहुत लगी तो उसने बोला कि बस बेटा आटा लेकर घर चलते फिर घर जाकर रोटी बनाकर खायेंगे। उस आदमी की बातो ने मुझे नि:शब्द कर दिया।

 

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मुझे बहुत पछतावा हुआ मै सोच रहा था खास उस आदमी की बाते पहले सुन लेता। फिर मैंने उस आदमी को अपने पास बुलाकर उसको कुछ पैसे चुपके से दे दिया ताकि उसका बच्चा पैसे देते हुए देख न पाए। वो आदमी बोला कि वह मेहनत करके पैसे कमाता है, लेकिन कुछ दिनो से  उसे कोई काम नहीं मिला इसलिए घर का राशन खत्म हो चूका है।

 

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उस आदमी ने बोला मुझे पैसे नहीं चाहिए बल्कि आप पैसे क़े बदले मुझे 1किलो आटा दिलवा दीजिये। मुझे उस व्यक्ति की बाते सुनकर बहुत ही दुःख हुआ और मै तुरंत बाइक से उतर कर राशन की दुकान शॉप पर जाकर उस आदमी क़ो थोडा सा राशन खरीदकर दिलवाया दिया, उस आदमी ने मुझे खूब दुआए दी। इस बात ने मुझे पूरी तरह से नि:शब्द कर दिया, कभी कभी हम लोग अनजाने मे कितनी बड़ी भूल कर बैठते है क्योंकि हमे लगता है कि रोड क़े किनारे भीख मांगने वाले व्यक्ति जो भी राशन मांगते है, वह राशन बेचकर पैसे कमाने क़े लिए करते है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, सब लोग एक जैसे नहीं होते है, कुछ लोगो की मजबूरी होती है जिस वजह से वह मदद दुसरो से मदद मांगते है।

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@nikkachauhan9874 | Posted on July 30, 2024

यह एक गहन और विचारोत्तेजक प्रश्न है जो हमें अपने जीवन के उन क्षणों पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करता है जब हम शब्दहीन हो गए। ऐसे क्षण जीवन में कई बार आते हैं, और वे विभिन्न भावनाओं, अनुभवों या परिस्थितियों से प्रेरित हो सकते हैं। आइए इस विषय को विस्तार से समझें।

1. आश्चर्य और विस्मय के क्षण:
प्राकृतिक सौंदर्य या मानव निर्मित आश्चर्यों के सामने खड़े होने पर हम अक्सर निःशब्द हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, हिमालय की विशाल चोटियों को देखना, ताजमहल की भव्यता का साक्षात्कार करना, या समुद्र की अथाह गहराइयों में डूबते सूरज को निहारना - ये सभी ऐसे अनुभव हैं जो हमें शब्दहीन कर सकते हैं। इन क्षणों में, हमारी भावनाएँ इतनी गहन होती हैं कि शब्द उन्हें व्यक्त करने में असमर्थ लगते हैं।

2. गहन प्रेम और करुणा:
जब हम किसी के प्रति असीम प्रेम या करुणा महसूस करते हैं, तो कभी-कभी शब्द इन भावनाओं की गहराई को व्यक्त करने में अपर्याप्त लगते हैं। एक माँ का अपने नवजात शिशु को पहली बार गोद में लेना, या किसी प्रियजन के साथ लंबे समय के बाद मिलना - ये ऐसे क्षण हैं जब भावनाएँ इतनी तीव्र होती हैं कि वे हमें निःशब्द कर देती हैं।

3. अप्रत्याशित त्रासदी या आघात:
जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घटती हैं जो हमें स्तब्ध कर देती हैं। किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु, कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा, या व्यक्तिगत जीवन में कोई बड़ा झटका - ये सभी परिस्थितियाँ हमें इतना आहत कर सकती हैं कि हम कुछ क्षणों या यहाँ तक कि दिनों के लिए निःशब्द हो जाते हैं। इस मौन में दुःख, आघात और अविश्वास की भावनाएँ छिपी होती हैं।

4. अद्भुत उपलब्धियाँ:
जब हम या हमारे प्रियजन कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करते हैं, तो कभी-कभी खुशी इतनी अधिक होती है कि हम उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाते। एक कठिन परीक्षा में सफलता, एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती पर विजय, या एक बड़े सपने का साकार होना - ये सभी क्षण हमें भावुक और निःशब्द कर सकते हैं।

 

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5. गहन आध्यात्मिक अनुभव:
आध्यात्मिक साधना या ध्यान के दौरान कई लोग ऐसे अनुभवों से गुजरते हैं जो उन्हें निःशब्द कर देते हैं। ये अनुभव इतने अलौकिक और अवर्णनीय हो सकते हैं कि मानवीय भाषा उन्हें व्यक्त करने में असमर्थ लगती है। कई साधक इन अनुभवों को "निर्विकल्प समाधि" या "शून्य की अनुभूति" के रूप में वर्णित करते हैं।

6. असाधारण प्रदर्शन या कला:
कभी-कभी किसी कलाकार का असाधारण प्रदर्शन या कोई उत्कृष्ट कलाकृति हमें इतना प्रभावित कर सकती है कि हम कुछ क्षणों के लिए बोलने में असमर्थ हो जाते हैं। एक सुरीली आवाज़, एक भावपूर्ण नृत्य, या एक अद्भुत चित्र - ये सभी हमारी चेतना को इस तरह से छू सकते हैं कि हम मंत्रमुग्ध हो जाएँ।

7. अप्रत्याशित सौहार्द या क्षमा:
जब कोई व्यक्ति हमारी अपेक्षा से परे जाकर हमारे प्रति दया या क्षमा दिखाता है, तो यह अनुभव हमें निःशब्द कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक शत्रु द्वारा मदद का प्रस्ताव या किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा क्षमा जिसे हमने गंभीर रूप से चोट पहुँचाई हो - ये क्षण हमें मानवता की गहराई का एहसास कराते हैं और कभी-कभी शब्दों से परे होते हैं।

8. प्रकृति की विनाशकारी शक्ति:
प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, सुनामी, या ज्वालामुखी विस्फोट के साक्षी बनना हमें प्रकृति की अपार शक्ति का एहसास कराता है। इन घटनाओं की भयावहता और विशालता हमें अक्सर निःशब्द कर देती है, क्योंकि हम अपनी तुच्छता और प्रकृति के सामने अपनी असहायता को महसूस करते हैं।

 

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9. अंतरिक्ष की विशालता:
जब हम रात के आकाश में तारों को देखते हैं या अंतरिक्ष के बारे में सोचते हैं, तो ब्रह्मांड की अपार विशालता हमें चकित कर सकती है। यह एहसास कि हम इस विशाल ब्रह्मांड में कितने छोटे हैं, हमें ऐसी अनुभूति दे सकता है जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल हो।

10. अप्रत्याशित सफलता या भाग्य:
कभी-कभी जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं जो हमारी कल्पना से परे होते हैं। एक बड़ी लॉटरी जीतना, अचानक किसी बड़े पद पर नियुक्त होना, या कोई ऐसा अवसर मिलना जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी - ये सभी परिस्थितियाँ हमें इतना आश्चर्यचकित कर सकती हैं कि हम कुछ पलों के लिए बोल ही न पाएँ।

11. गहन पश्चाताप या अपराधबोध:
जब हम किसी गलती का एहसास करते हैं या किसी को गंभीर नुकसान पहुँचाते हैं, तो कभी-कभी अपराधबोध इतना गहरा हो सकता है कि हम शब्दहीन हो जाते हैं। यह मौन अक्सर आत्मचिंतन और आत्मसुधार का समय बन जाता है।

12. असाधारण वैज्ञानिक खोज:
जब कोई वैज्ञानिक खोज हमारी दुनिया के बारे में हमारी समझ को पूरी तरह से बदल देती है, तो यह हमें स्तब्ध कर सकती है। उदाहरण के लिए, जब वैज्ञानिकों ने पहली बार ब्लैक होल की तस्वीर ली, तो यह खबर कई लोगों को निःशब्द कर गई।

निष्कर्ष:
"किस बात ने आपको निःशब्द कर दिया" - यह प्रश्न हमें अपने जीवन के उन विशेष क्षणों पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है जो हमें गहराई से प्रभावित करते हैं। ये क्षण हमारे जीवन को समृद्ध बनाते हैं और हमें मानवीय अनुभव की विविधता और गहराई का एहसास कराते हैं। चाहे वे खुशी के क्षण हों या दुःख के, आश्चर्य के या भय के, ये सभी अनुभव हमें याद दिलाते हैं कि जीवन कितना जटिल, सुंदर और कभी-कभी अकल्पनीय हो सकता है।

इन क्षणों में, जब शब्द हमारा साथ छोड़ देते हैं, हम अक्सर अपने आप को सबसे शुद्ध रूप में महसूस करते हैं। यह मौन हमें अपने आसपास की दुनिया और अपने भीतर की दुनिया के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करने का अवसर देता है। यह हमें याद दिलाता है कि कभी-कभी सबसे महत्वपूर्ण अनुभव वे होते हैं जिन्हें शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

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